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एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड की लाइफलाइन बन चुका है : सीएम योगी
लखनऊ/महोबा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड के युवाओं को नौकरी व रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि बुंदेलखंड में जो उद्योग लगेंगे। उसमें यहां दुनिया नौकरी करने आएगी। हमें विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। विभाजन की राजनीति करने वाले देश के विकास को बाधित करते हैं। युवाओं के सपनों, अन्नदाता किसानों के उत्थान में बाधक बनते हैं। माता-बहनों के विकास को अवरुद्ध करते हैं पर हमें नकारात्मक सोच को दरकिनार कर विकास के सकारात्मक सोच की ओर बढ़ना है। आज बुंदेलखंड बहुत आगे बढ़ चुका है। पीएम के विकास के विजन को धरातल पर उतारने का कार्य हुआ है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड की लाइफलाइन बन चुकी है। हर घर नल योजना साकार रूप ले रही है। दुश्मन को दहलाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर नए सिरे से खुद को तैयार कर रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महोबा के पुलिस लाइन, मोदी ग्राउंड में यह बातें कहीं। उन्होंने केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ 3500 करोड़ से अधिक के निवेश से 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस दौरान विकास को रफ्तार देती योजनाओं से जुड़ी लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया।
विकास को तीव्र गति से बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ रहा
सीएम ने कहा कि संयोग है कि विकास की आधुनिक सोच के साथ गडकरी जी ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक रूप में बदलकर अर्थव्यवस्था की रफ्तार को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने में जो योगदान दिया है, वह अविस्मरणीय व अभिनंदनीय है। आज हर बुंदेलखंडवासी आह्लादित है। बेहतर कनेक्टिविटी होती है तो इंफ्रास्ट्रक्चर का योगदान विकास के लिए वैसे ही होता है, जैसे शरीर में हड्डियों के ढांचे का होता है। यदि हड्डियां न हो तो शरीर की स्थिति क्या होती। विकास को तीव्र गति से बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ रहा है।
बजट में इस बार बुंदेलखंड को बहुत कुछ दिया
सीएम ने कहा कि इस बार यूपी शासन के बजट में भी बहुत कुछ दिया है। झांसी के लिए औद्योगिक डवलपमेंट अथॉरिटी निर्माण के लिए छह हजार करोड़ की व्यवस्था की है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे हाइवे को झांसी व चित्रकूट तक पहुंचाने का कार्य भी करने जा रहे है। बांदा से चित्रकूट के बीच भी नए औद्योगिक डवलपमेंट अथॉरिटी निर्माण की कार्रवाई बढ़ाने जा रहे हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे हाइवे पर दो नए औद्योगिक कलस्टर विकसित करने के लिए धनराशि की व्यवस्था की है। सीएम ने कहा कि पिछले दिनों ओरछा में गडकरी जी आए थे। पहली बार कोई केंद्रीय मंत्री एक महीने में दो बार बुंदेलखंड का दौरा कर रहे हैं और एक माह में यूपी में उनका चौथा दौरा है। आज विकास नई रफ्तार से बढ़ रहा है।
बुंदेलखंड के लिए 4 लाख 30 हजार करोड़ के एमओयू हुए
सीएम ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में बुंदेलखंड के लिए 4 लाख 30 हजार करोड़ व महोबा के लिए 24 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। क्या पहले कोई यहां निवेश के लिए सोचता था, लेकिन यह इंफ्रास्ट्रक्चर व बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति आपको विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचा रहा है। अर्जुन सहायक परियोजना के साथ सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं ने मूर्त रूप लिया। यहां के लोगों की भावनाओं के अनुरूप सिंचाई व पेयजल के लिए उत्तम व्यवस्था देने जा रहे हैं। अर्जुन सागर परियोजना, उर्मिल बांध, कबरई व लहसुरा बांध परियोजनाएं शुद्ध पेयजल के साथ किसानों के खेतों में पानी पहुंचाएगी।
दोपहर में पूर्वी यूपी व शाम को महोबा में बाबा गोरखनाथ की पावन स्थली पर विकास
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वीर भूमि बुंदेलखंड में पीएम के विजन के अनुरूप केंद्रीय मंत्री गडकरी जी ने इंफ्रास्ट्रक्चर को नई पहचान दी है। यह संयोग नहीं, ईश्वरीय कृपा है कि दोपहर में गडकरी जी का सानिध्य पूर्वी यूपी को मिला। गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ की साधना स्थली से जुड़ी 10 हजार की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास हुआ। महोबा भी बाबा गोरखनाथ की पावन साधना स्थली है। यह वीर आल्हा-ऊदल की भूमि है। मुझे बताया गया कि गोरखगिरि में पर्यटकों की संख्या अब तीन गुना हो गई है। रोपवे बनने पर यह और बढ़ जाएगी।
इस दौरान राज्यमंत्री रामकेश निषाद, सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, झांसी के सांसद अनुराग शर्मा, बांदा के सांसद आरके सिंह पटेल, राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद, विधायक राकेश कुमार गोस्वामी, ब्रजभूषण राजपूत, रवि शर्मा, डॉ. रश्मि आर्य, रामरतन कुशवाहा, राजीव सिंह (पारीछा), श्रीप्रकाश द्विवेदी, ओममणि वर्मा, विधान परिषद सदस्य डॉ. बाबूलाल तिवारी, जितेंद्र सिंह सेंगर, रमा निरंजन आदि की मौजूदगी रही।
सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 3500 करोड़ से अधिक के निवेश से 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर लोगों को सौगात दी।
लोकार्पण
झांसी-खजुराहो खंड (उप्र सीमा) के फोरलेन निर्माण (1410 करोड़)
झांसी-उरई खंड पर गुलारा गांव में वे-साइड अमेनिटी का विकास (11 करोड़)
शिलान्यास
मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश सीमा से कबरई खंड का 46 किमी. लंबा फोरलेन निर्माण (1681 करोड़)
राष्ट्रीय राजमार्ग-27 व 44 के जंक्शन पर 1.30 किमी. इंटरचेंज का निर्माण (126 करोड़)
सूपा में रोड ओवरब्रिज का निर्माण (79 करोड़)
किडारी में रोड ओवरब्रिज का निर्माण (64 करोड़)
झांसी-कानपुर खंड के झांसी मेडिकल तिराहे पर 1.3 किमी. लंबे फ्लाईओवर का निर्माण (61 करोड़)
खैराड़ा में रोड ओवरब्रिज का निर्माण ( 51 करोड़)
झांसी-ललितपुर खंड के कैलगुंवा चौराहे पर अंडरपास व सर्विस रोड का निर्माण (19 करोड़)
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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