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ऑफ़बीट

फर्जी आईपीएस मिथलेश का नया सपना, कहा- उ सब नहीं बनना है, अब डॉक्टर बनना है

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पटना। बिहार में पकडे गए फर्जी आईपीएस मिथिलेश ने अब अन्य सपना पाल लिया है। वो अब डॉक्टर बनना चाहता है। मिथिलेश का कहना है कि वो डॉक्टर बनकर लोगों की जान बचाएगा। मिथिलेश ने कहा, ‘अब वो पुलिस वाला नहीं बनेंगे। अब डॉक्टर बनेंगे। उ सब नहीं बनना है, हां डॉक्टर बनना है। डॉक्टर बनकर सबको बचाएंगे।’

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इंटरव्यू में मिथलेश मांझी से पूछा गया कि ‘आप 10वीं पास हैं, आईपीएस तो नहीं बन पाए, बने लेकिन फर्जी आईपीएस बने, अब आगे का क्या प्लान है?’ इसपर मिथलेश मांझी कहता है कि ‘अब पुलिस नहीं बनेंगे, अब बनेंगे तो डॉक्टर ही बनेंगे..उसब नहीं बनेंगे।’ मिथलेश मांझी से पूछा गया कि ‘डॉक्टर बनकर क्या करेंगे?’ इसपर उसने कहा कि ‘डॉक्टर बनकर लोगों को बचाएंगे.’ मिथलेश मांझी का यह वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।

बता दें कि लखीसराय जिले के हलसी थाना क्षेत्र में स्थित गोवर्धन बीघा गांव निवासी 19 वर्षीय मिथलेश कुमार फर्जी आईपीएस के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसने पुलिस को बताया कि खैरा इलाके के मनोज सिंह नामक एक शख्स ने उसे आईपीएस बनाने का झांसा दिया था। इसके बदले में उसने 2.30 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस में नौकरी पाने के लिए मिथलेश ने अपने मामा से 2 लाख रुपये लेकर मनोज को पैसे दिए।

पैसे मिलने के बाद ठग मनोज सिंह ने मिथलेश के शरीर का नाप लिया और उसे अगले दिन फिर बुलाया। ठग ने उसे आईपीएस की वर्दी, बैच और नकली पिस्टल थमाई। फिर मिथलेश ने आईपीएस की वर्दी पहनकर घर जाकर अपनी मां का आशीर्वाद लिया। गिरफ्तार फर्जी आईपीएस ने कहा कि मां से आशीर्वाद लेने के बाद वह दहेज में मिली बाइक से मनोज से मिलने के लिए निकला, लेकिन सिकंदरा चौक पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

अन्य राज्य

सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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