प्रादेशिक
शामिल होना तो दूर, नीतीश कुमार भाजपा की ओर थूकने भी नहीं जाएंगे: ललन सिंह
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच, गुरुवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह अपने एक बयान से उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए और भाजपा में शामिल होना तो दूर, थूकने भी नहीं जाएंगे।
ललन सिंह गुरुवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान, उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो सकते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सात जन्म तक भाजपा की ओर देखेंगे भी नहीं। भाजपा ऐसी पार्टी है कि नीतीश कुमार उसकी ओर थूकेंगे भी नहीं।
भाजपा और नीतीश की राहें कभी एक नहीं होंगी
इसके बाद, जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पत्रकारों से पूछा कि भाजपा ने जो वादे किए थे, क्या उन्हें पूरा किया है? कहा कि वो (भाजपाई) बस कानाफूसी करते हैं, इसके अलावा क्या ही काम करते हैं। उन्होंने मैं स्पष्ट करता हूं कि भाजपा से नीतीश कुमार की नजदीकी कभी नहीं बढ़ेगी।
मनोज झा की कविता को गलत ढंग से परोसा जा रहा
जब ललन सिंह से सांसद मनोज झा की संसद में ठाकुरों वाली कविता मचे बवाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजद सांसद मनोज झा के बयान को गलत ढंग से परोसा गया है। सब जानते हैं कि वह कविता मनोज झा की नहीं है, वह कविता ओमप्रकाश वाल्मीकि की है। उनका मकसद किसी भी समाज, जाति या धर्म को ठेस पहुंचाने का नहीं था। यह भ्रम फैलाने का काम भाजपा कर रही है।
क्या था मामला ?
बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘चूल्हा मिट्टी का-मिट्टी तालाब की और तालाब ठाकुर का’ सुनाई थी। इस पर करीब एक हफ्ते बाद बिहार की राजनीति में हंगामा शुरू हो गया है।
पूर्व सांसद आनंद मोहन, उनके विधायक बेटे चेतन आनंद मोहन, जदयू नेता संजय सिंह और भाजपा नेता नीरज सिंह ‘बबलू’ समेत कई लोग मनोज झा के विरोध में आ गए और उन पर ठाकुरों को अपमानित करने का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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