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किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तबियत बिगड़ी, 20 दिनों से कर रहे हैं आमरण अनशन

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हरियाणा। शंभू और खनौरी बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का संकल्प रविवार को लगातार 20वें दिन भी जारी रहा। रविवार को केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने उनसे मुलाकात की। पंजाब के जीडीपी गौरव यादव के साथ वे खनौरी बॉर्डर पहुंचे।

मीटिंग के बाद मिश्रा ने कहा कि उन्होंने किसानों की मांगों के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने केंद्र की तरफ से वार्ता के प्रस्ताव से इनकार किया। पंजाब के डीजीपी ने कहा कि डल्लेवाल की जान कीमती है। हम सबके साथ कोऑर्डिनेट कर बातचीत को आगे बढ़ाने का माहौल बना रहे हैं। मेरे साथ केंद्रीय गृह निदेशक भी आए हैं। वह किसानों की मांगों को केंद्र को भेजेंगे। पंजाब सरकार ने भी किसानों की मांगों को आगे बढ़ाने के लिए कहा है।

इसी बीच, डल्लेवाल ने आमरण अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया है। बिस्तर पर लेटे-लेटे ही डल्लेवाल ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से खुदकुशी कर रहे किसानों की जिंदगी मेरे जीवन से ज्यादा कीमती है। गौर हो कि शनिवार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने मीटिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी को किसान आंदोलन की जानकारी दी गई। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे। किसान आंदोलन को लेकर पीएम मोदी के एक्टिव होने के बाद माना जा रहा है कि केंद्र की तरफ से किसानों की मांगों को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है।

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भारत मंडपम में फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम का किया गया आयोजन, बाजरे पर रहा जोर

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत दिल्ली के भारत मंडपम में फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की मदद से एसआरएस फाउंडेशन ने सोमवार (16 दिसंबर) को इस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, सांसद बांसुरी स्वराज, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित कई नेता पहुंचे।

 

फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कॉन्क्लेव में भारतीय संस्कृति, खान-पान और टिकाऊ प्रथाओं का अनोखा सामंजस्य देखने को मिला। इस कार्यक्रम के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में बनने वाले व्यंजनों के बारे में सभी को जानने को मिला। इसके साथ ही स्थानीय चीजों को बड़ा मंच मिला, जिससे उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी।

बाजरे पर जोर

इस कार्यक्रम में बाजरे पर काफी चर्चा हुई। पौष्टिक और पर्यावरण के मुताबिक खाद्य विकल्प के रूप में बाजरे पर जोर दिया गया। बाजरे से मिलने वाले फायदों के बारे में बताते हुए इसे मुख्य खाद्य पदार्थ के रूप में दैनिक आहार और ग्लोबल मार्केट्स में फिर से शामिल करने की बात कही गई। रणवीर बरार और हरपाल एस. सोखी सहित प्रसिद्ध शेफ ने क्षेत्रीय भारतीय व्यंजनों पर आधारित नए व्यंजन पेश किए, जिनमें पारंपरिक तरीके और नई तकनीक का मेल था। इस प्रोग्राम में पारंपरिक शिल्पों की प्रदर्शनी भी हुई, जिससे कारीगरों, सांस्कृतिक व्यवसायियों और खाद्य उद्योग के बीच संबंधों को बढ़ावा मिला।

 

 

 

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