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उत्तर प्रदेश

उमेश पाल हत्याकाण्ड: अतीक अहमद के पूरे परिवार पर FIR, धरपकड़ में जुटी पुलिस

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Umesh Pal murder case

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प्रयागराज। विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या के आज दूसरे दिन शनिवार को एहतियात के तौर पर इलाके में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। सुलेम सराय में उमेश पाल के घर के आसपास और पोस्टमार्टम हाउस में बवाल की आशंका से पुलिस अलर्ट है।

एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की 10 टीम ने रात भर छापेमारी करके 20 से ज्यादा लोगों को पकड़ा है, इनसे अलग-अलग स्थानों पर रखकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं कि साजिश के तार पकड़ में आए हैं लेकिन फिलहाल अभी वह कुछ बता नहीं रहे हैं।

उमेश की हत्या मामले में उनकी पत्नी जया पाल ने अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, बरेली जेल में बंद भाई पूर्व विधायक अशरफ अहमद, अतीक के बेटों मोहम्मद मुस्लिम और अतीक के अन्य सहयोगियों के खिलाफ साजिश, हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में धूमनगंज थाने में एफआइआर लिखाई है।

पुलिस ने अतीक के दो बेटों को रात में ही हिरासत में ले लिया था। बाकी दो बड़े बेटे उमर और अली पहले से लखनऊ तथा नैनी की जेल में बंद है। बता दें कि कि अतीक के पांच बेटे हैं। सबसे छोटा बेटा अभी नाबालिग है। सूचना मिल रही है कि पुलिस ने माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता को भी पकड़ लिया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो रही है।

शासकीय अधिवक्ता को मिली सुरक्षा

दूसरी ओर राजू पाल हत्याकांड के मुकदमे की पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य को सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। राजापुर स्थित आवास में रात को ही धूमनगंज थाने की फोर्स पहुंच गई। सुशील वैश्य ने 22 फरवरी को जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी जान का खतरा बताकर सुरक्षा की मांग की थी।

बता दें कि शहर पश्चिम के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह अधिवक्ता कृष्ण कुमार पाल उर्फ उमेश पाल की कल शुक्रवार को उनके घर के समीप ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमले में उनके एक गनर की भी मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल है। हमला उस समय हुआ, जब उमेश सुलेमसराय में अपने घर के पास कार से उतरे थे। शूटरों ने उन्हें घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की, बम भी मारे।

शूटरों के भागने के बाद उमेश और दोनों गनर को उठाकर अस्पताल ले जाया गया, जहां पहले उमेश और बाद में संदीप की मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गई। उमेश के परिवार के लोगों का आरोप है कि राजू पाल को मरवाने वाले माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने ही उमेश पर हमला कराया है।

शूटरों की धरपकड़ में क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस के साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स की भी कई टीमें लगाई गईं हैं। सीसीटीवी फुटेज से भी बदमाशों का हुलिया निकाला गया है। अतीक अहमद के गुर्गों की तलाश में भी छापेमारी हो रही है। देर रात तक पुलिस ने कई संदिग्ध लोगों को पकड़ा है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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