उत्तर प्रदेश
कानपुर में मां-बेटी की जलकर मौत के मामले में एसडीएम-एसओ समेत 24 पर एफआईआर
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में मां-बेटी के जलकर मौत के मामले में 24 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें उपजिलाधिकारी मैथा, तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल, थानाध्यक्ष रूरा समेत 11 नामजद भी हुए हैं। इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा अज्ञात लोगों पर भी हत्या, हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि ये मामला कानपुर थाना रूरा के मड़ौली गांव का है।
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची थी। पीड़ित ने कानपुर देहात के मैथा तहसील में तैनात एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम समीर लेखपाल अशोक सिंह को आरोपी बताया है। पीड़ित परिवार का आरोप यह है कि कब्जे को ध्वस्त करने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिवार को झोपड़ी में जबरन कैद कर उस पर आग लगा दिया। इसके चलते झोपड़ी के अंदर फंसी मां-बेटी को आग ने अपनी चपेट में ले लिया और दोनों की झुलस कर मौत हो गई। इसके बाद कानपुर देहात के मंडोली गांव में पुलिस और प्रशासन पर ग्रामीणों और परिजनों ने हमला कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही कानपुर रेंज के आईजी और एडीजी जून सहित मंडलायुक्त राजशेखर भी मौके पर पहुंचे।
वहीं कुछ ही देर में कानपुर देहात से लेकर कानपुर नगर तक के अधिकारियों का अमला इस गांव में पहुंच कर इसे छावनी में तब्दील कर दिया. वहीं पीड़ित कृष्ण कुमार दीक्षित का कहना है कि उनका परिवार काफी लंबे समय से इस भूमि पर काबिज है। इस वजह से उनके परिवार के ही रिश्तेदार उनका विरोध करते चले आ रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर उन्होंने उनकी झोपड़ी में आग लगवा दी. इसके चलते उनकी बेटी और पत्नी की आग से जलकर मौत हो गई. वहीं देर रात तक प्रशासन परिवार को समझाने की कोशिश करता रहा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास कर रहा था।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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