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नेशनल

पूर्व मंत्री मधुकर पिचड का नासिक अस्पताल में निधन, शरद पवार ने जताया दुख

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मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री मधुकर पिचड (84) का शुक्रवार को नासिक के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह पछले कुछ समय से बीमार थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता और पिचड के पूर्व सहयोगी छगन भुजबल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले ब्रेन स्ट्रोक के बाद मधुकर पिचड को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छगन भुजबल ने बताया, “उन्हें संक्रमण हो गया था और पांच-छह दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

शरद पवार ने जताया दुख

मधुकर पिचड के निधन पर एनसीपी-एसपी के प्रमुख शरद पवार ने भी दुख जताया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने एक पोस्ट में अपना दुख व्यक्त किया। शरद पवार ने एक्स पर लिखा, ‘मेरे पुराने सहयोगी मधुकरराव पिचड़ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। अपने राजनीतिक जीवन के दौरान उन्होंने आदिवासी समुदाय की स्थिति और आवाज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका करियर हमेशा याद रखा जाएगा।’ इसके अलावा शरद पवार ने मधुकर पिचड के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मधुकर पिचड को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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