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उत्तर प्रदेश

बूढ़ा हूं कम मिले सजा, गिड़गिड़ाने लगा पूर्व विधायक उदयभान; कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

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former MLA Udaybhan singh sentenced 10 years imprisonment

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वाराणसी। वाराणसी की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने कल बुधवार को पूर्व विधायक उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर को गिरोहबंद और समाजविरोधी क्रियाकलापों का दोषी माना है। पूर्व विधायक को 10 वर्ष के कारावास व एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित करते हुए अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने जेल में जो सजा इस मामले में व्यतीत की है, वह इसमें समाहित की जाएगी।

मिर्जापुर के चील्ह ब्लाक के सेमरा गांव निवासी पूर्व विधायक उदयभान सिंह को 18 साल वर्ष पुराने गैंगस्टर के मामले में सजा सुनाई गई है।सेंट्रल जेल में 13 मई 2005 को अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की हत्या के मामले में अभियुक्त पूर्व विधायक उदयभान सिंह पर 13 जुलाई 2005 को तत्कालीन शिवपुर थानाध्यक्ष ने 10 मुकदमों का जिक्र करते हुए गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज कराया था।

एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमे के अनुसार विनीत सिंह के गैंग में उदयभान सिंह, संतोष उर्फ किट्टू और प्रदीप उर्फ सीओ शामिल हैं। इनके आतंक व दुस्साहस से इनके खिलाफ कोई भी बयान देने से कतराता था। विनीत और उदयभान की साजिश से जेल में अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की हत्या करा दी गई।

इसके पहले अन्नू पर पेशी से नैनी जेल जाते हुए भी जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें सरकारी चालक की मौत हो गई थी। गैंग चार्ट में गोपीगंज में हुए तिहरे हत्याकांड का भी जिक्र किया गया। इस मामले में गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी करार दिया।

दोषी करार होते ही बोला, बूढ़ा हूं कम सजा मिले

गैंगस्टर के इस मुकदमे में उदयभान सिंह का बयान 10 अगस्त 2023 को दर्ज कराया गया था। तब उसने कहा था कि राजनीतिक विद्वेष में फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था। मैं निर्दोष हूं। मगर, बुधवार को अदालत में दोषी करार होते ही वह गिड़गिड़ाने लगा और बोला, मैं पहले ही 10 वर्ष से अधिक समय तक जेल में रह चुका हूं। बूढ़ा हूं और घर का इकलौता कमाऊ सदस्य हूं। मुझे कम से कम सजा मिले।

अदालत बोली, अपराध से समाज में फैलता है आतंक

सजा सुनाने से पहले अदालत ने कहा कि अभियुक्त का गिरोह है। वह अपराध करता है और भौतिक व अन्य लाभ अर्जित करता है। समाज ममें आतंक फैलाता है। तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए इस मामले में यूपी गिरोहबंद एवं समाजविरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम दोष सिद्ध किए जाने योग्य है।

आजीवन कारावास के बाद चली गई थी विधायकी

गौरतलब है कि गोपीगंज-मिर्जापुर तिराहे पर चार अप्रैल 1999 को सूर्यनारायण उर्फ वकील शुक्ल, देवीशंकर दूबे और शेषमणि दूबे की हत्या की गई थी। इस मामले में पूर्व विधायक उदयभान सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के बाद उदयभान फरार हो गया था।

वर्ष 2001 में अदालत में हाजिर होने के बाद 2002 में जेल से ही औराई विधानसभा सीट से बसपा के सिंबल पर उसने चुनाव जीता था। वर्ष 2004 में तिहरे हत्याकांड में जिला जज की अदालत से आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद उदयभान की विधानसभा की सदस्यता चली गई थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में बसपा ने इस सीट पर रंगनाथ मिश्रा को उतारा। सपा से उनकी पत्नी चुनाव लड़ीं और जीतीं।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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