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राजीव गांधी के हत्यारे फिर जा सकते हैं जेल, केंद्र ने दाखिल की रिव्यू पिटिशन

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Former PM Rajiv Gandhi killers may go to jail again

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जेल से रिहा हो चुके पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Former PM Rajiv Gandhi) के 6 हत्यारे फिर से सलाखों के पीछे जा सकते हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल की है।

पिटिशन में केंद्र ने बड़े दमदार तरीके से दलील रखी है कि क्यों पूर्व पीएम के कातिलों की रिहाई नहीं होनी चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट रिव्यू पिटिशन सुनता है और दलीलों से संतुष्ट होता है तो राजीव गांधी के कातिलों को फिर से जेल जाना पड़ेगा।

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सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिव्यू पिटिशन में केंद्र ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के दोषी विदेशी आतंकियों को रिहा करने में अदालत ने गलती की है। उसने रिव्यू पिटिशन पर खुली अदालत में सुनवाई की मांग की है। आम तौर पर जज इस तरह की सुनवाई चैम्बर में करते हैं।

केंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि 6 दोषियों- नलिनी श्रीहरन, संथन उर्फ रविराज, गुरुगन, रॉबर्ट पायस, जयाकुमार और रविचंद्रन उर्फ रवि की रिहाई के आदेश की तुलना इसी मामले के एक और दोषी एजी पेरारिवलन की रिहाई के दिए पहले के आदेश से नहीं की जा सकती। पेरारिवलन भारतीय नागरिक था जबकि अभी जिन 6 दोषियों को रिहाई किया गया, उनमें 4 विदेशी हैं।

रिव्यू पिटिशन में कहा गया है, ‘जिन 6 दोषियों की सजा कम की गई है, उनमें से 4 श्रीलंका के नागरिक हैं। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के जघन्य अपराध में देश के कानून के तहत दोषी ठहराए गए विदेशी आतंकियों पर रियायत का मामला ऐसा है जिसका अंतरराष्ट्रीय असर है लिहाजा यह भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत पूरी तरह भारत सरकार की संप्रभु शक्तियों के अधीन आता है।’

केंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि इस तरह के महत्वपूर्ण मामले में अदालत ने उसका पक्ष नहीं सुना। इसी वजह से कोर्ट में रिहाई के खिलाफ महत्वपूर्ण और ठोस सबूत पेश नहीं हो पाए। सरकार ने कहा है कि कोर्ट ने केंद्र का पक्ष सही से सुने बगैर 11 नवंबर को दोषियों को रिहा करने का फैसला किया जबकि वह इस मामले में एक महत्वपूर्ण पार्टी है।

राजीव गांधी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई 1999 को नलिनी, संथन, गुरुगन और अरिवु को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। कोर्ट ने रॉबर्ट पायस, जयाकुमार और रविचंद्रन की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था और बाकी दोषियों की सजा को रद्द कर दिया था। बता दें कि इसी साल 18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन और 11 नवंबर को नलिनी समेत 6 और दोषियों की रिहाई का फैसला किया।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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