प्रादेशिक
मप्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- परिणाम के बाद ही होगा CM का चयन
भोपाल। देश में इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। जिसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम शामिल हैं। मप्र की सत्ता में वापसी करने के प्रयास में कांग्रेस पुरजोर तरीके से लगी हुई है, लेकिन मप्र में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अभी से ही पार्टी में मतभेद सामने आने लगे हैं।
राज्य में कमल नाथ को चेहरा मानते हुए उनके पोस्टर कई जगह लगाए गए हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने बड़ा बयान दिया है।
अरुण यादव ने यह बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही मुख्यमंत्री का चयन होगा। पिछले दिनों मीडिया से बात करते हुए यादव ने कहा था कि कांग्रेस में शुरू से तय है कि वह चेहरा घोषित नहीं करती। कमल नाथ सर्वमान्य अध्यक्ष हैं, पर मुख्यमंत्री कौन और कैसे बनेगा, यह चुनाव बाद तय होगा।
सू्त्रों की माने तो यादव को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी समर्थन है। हालांकि शनिवार को मीडिया से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बारे में उनकी कोई बात नहीं हुई है।
कमल नाथ से है तनातनी
अरुण यादव के बयान को कमल नाथ से उनके संबंधों के हिसाब से भी देखा जा रहा है। बता दें कि कमल नाथ और अरुण यादव के बीच तनातनी लंबे समय से चल रही है। पहले अरुण यादव खंडवा लोकसभा का उपचुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कमल नाथ ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। हालांकि इस पर बीजेपी ने भी कटाक्ष करने से चूक नहीं की है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस में सर्कस चल रहा है।
प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं अरुण
मप्र की राजनीति में अरुण यादव बड़ा चेहरा माने जाते हैं। अरुण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। अरुण यादव को राहुल गांधी का करीबी भी माना जाता है लेकिन सीएम के चेहरे पर उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं, जिससे राज्य की सियासत गरमाई हुई है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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