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प्रादेशिक

कूनो से आई एक अच्छी खबर, मादा चीता ने चार शावकों को दिया जन्म

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Four Cheetah cubs born in Kuno

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श्योपुर (मप्र)। मध्य प्रदेश के श्योपुर से एक अच्छी खबर सामने आ रही है। यहां के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई एक मादा चीता सियाया ने चार नन्हे शावकों को जन्म दिया है। इसका एक वीडियो केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी चार चीतों के जन्म पर ट्वीट कर खुशी जताई है। उन्होंने वीडियो और तस्वीरें शेयर कर लिखा,’अद्भुत खबर’।

भारत के चीता प्रोजेक्ट को बड़ी सफलता

दक्षिण अफ्रीकी देशों से भारत लाए गए इन चीतों से देश के ‘चीता प्रोजेक्ट’ को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। कूनो के डीएफओ पी के वर्मा ने बताया कि कूनो के बाड़ा नंबर चार और पांच जुड़े हुए हैं। पांच नंबर बाड़े में तीन साल की मादा चीता सियासा रहती थी। वहीं, चार नबंर बाड़े में नर चीता फ्रेडी और एल्डन भाइयों को रखा गया था।

संभावना है कि मादा चीता का एल्डन या फ्रेडी से मेटिंग हुआ होगा, जिसके बाद वह मां बनी। बता दें कि मादा सियाया ने 24 मार्च को ही इन चार शावकों को जन्म दे दिया था, लेकिन कूनो प्रबंधन को इसकी जानकारी बुधवार यानी आज मिली है। बता दें कि मादा चीता और चारों नन्हे मेहमान बिल्कुल स्वस्थ हैं।

लिंग के बारे में चलेगा पता

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख जेएस चौहान ने बताया कि 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से भारत लायी गयी तीन वर्षीय मादा चीता ‘सियाया’ ने करीब पांच दिन पहले चार शावकों को जन्म दिया है। सभी शावक बाड़े में सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि जब मां चीता शावकों को खुले में लाएगी तब हमें उनके लिंग के बारे में पता चलेगा।

प्रधानमंत्री ने कूनो नेशनल पार्क को दी थी ये सौगात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन के अवसर पर मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात सौंपी थी। पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को छोड़ा था। इसमें पांच नर और तीन मादा थी। हाल ही में एक मादा चीता साशा की मौत हो गई थी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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