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उत्तर प्रदेश

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हमला करने वाले चार युवक अंबाला से गिरफ्तार

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Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad

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अंबाला। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हमला करने वाले चार युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चार युवकों को पुलिस ने हरियाणा के अंबाला से गिरफ्तार किया है, इन युवकों के नाम लविश, आकाश और पोपट हैं। यह तीनों युवक रणखंडी गांव के रहने वाले हैं। वहीं एक युवक हरियाणा के करनाल के गांव गोंदर का रहने वाला है। अब इनसे पूछताछ के बाद ही पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस हमले को लेकर खुलासे कर सकती है।

बता दें कि भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर कार सवार युवकों ने देवबंद में जानलेवा हमला किया था। इस हमले के बाद पुलिस ने चार संदिग्धों को भी हिरासत में लिया था, इसके साथ ही पुलिस ने जानलेवा हमले में इस्तेमाल की गई कार को मिरगपुर गांव से बरामद किया। पुलिस ने जिस कार को बरामद किया उस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर एचआर 70 डी 0278 है।

इस हमले को लेकर सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा ने कहा था कि यह घटना देवबंद पुलिस थाना क्षेत्र में यूनियन सर्किल के पास शाम करीब पांच बजे हुई। पुलिस की टीम और चंद्रशेखर के समर्थकों ने उन्हें पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

टाडा ने कहा कि घटनास्थल का फॉरेंसिक टीम द्वारा निरीक्षण किया गया और प्रारंभिक जांच के मुताबिक, आजाद के वाहन पर चार गोलियां चलाई गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर चार से पांच की संख्या में थे। हालांकि इस हमले में घायल हुए चंद्रशेखर इस समय ठीक हैं और उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए अपने समर्थकों को शांत रहने की सलाह दी। इसके साथ ही भीम आर्मी चीफ ने कहा कि उन्होंने इस तरह की घटना की उम्मीद नहीं की थी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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