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Gandhi Jayanti 2024 : भारतीय नोटों पर कैसे छपी गांधी जी की तस्वीरें किसने और कब खींची थी फोटो, जाने कुछ अनसुने किस्से

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नई दिल्ली। भारतीय नोट या कहें इंडियन करेंसी पर महात्मा गांधी की तस्वीर तो आपने भी देखी होगी, लेकिन कभी सोचा है कि नोट पर मुस्कुराते हुए बापू की ये तस्वीर किसने क्लिक की थी? इसके साथ ही गूगल पर तो महात्मा गांधी की बहुत सारी तस्वीर हैं तो इसी तस्वीर को क्यों चुना गया। आज हम आपको गांधी जयंती के मौके भारतीय करेंसी पर छपी महात्मा गांधी की तस्वीर की कहानी बताने वाले हैं।

बापू की मुस्कुराती हुई तस्वीर का राज

नोट पर छपे महात्मा गांधी की तस्वीर को 1946 में ली गई एक फोटो से काटा गया है, जिसमें वह ब्रिटिश राजनीतिज्ञ लॉर्ड फ्रेडरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस के साथ खड़े हैं। इस तस्वीर को इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें गांधीजी की मुस्कुराती हुई सबसे उपयुक्त अभिव्यक्ति थी। हालांकि अभी तक उस फोटोग्राफर की पहचान नहीं हो पाई। जिसने महात्मा गांधी की इस तस्वीर को क्लिक किया था।

पहली बार कब नोट पर छपी थी बापू की तस्वीर

महात्मा गांधी की तस्वीर पहली बार 1969 में उनकी 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय मुद्रा नोटों पर दिखाई दी थी। इसके बाद, 1996 में भारतीय रिजर्व बैंक ने महात्मा गांधी की तस्वीर वाले नोटों की एक नई श्रृंखला जारी की। दरअसल आरबीआई ने 1990 के दशक तक देखा कि नकली नोट बनाने की तकनीक बहुत उन्नत हो गई है। डिजिटल प्रिंटिंग, स्कैनिंग, फोटोग्राफी और ज़ेरोग्राफी जैसी तकनीकों से नकली नोट बनाना आसान हो गया था।

RBI का मानना है कि मानव चेहरे की कॉपी करना मुश्किल है 

RBI का मानना था कि मानव चेहरे की तुलना में निर्जीव वस्तुओं की कॉपी करना आसान है। इसलिए RBI ने नए नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने का फैसला किया। गांधी जी को उनकी राष्ट्रीय अपील के कारण चुना गया था। नए नोटों में सुरक्षा के कई नए फीचर भी जोड़े गए। इनमें विंडो सिक्योरिटी थ्रेड, गुप्त छवि और दृष्टिबाधितों के लिए इंटैग्लियो सुविधाएं शामिल थीं। उसके बाद RBI ने 2016 में एक बार फिर नए नोट जारी किए। इन नोटों को ‘महात्मा गांधी नई सीरीज’ कहा गया। इन नोटों में भी गांधीजी की तस्वीर है।

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कौन है महाकुंभ की मोनालिसा ? जो सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के महाकुंभ में चर्चे साधुओं के होने चाहिए लेकिन इस बार सुर्खियों में कभी आईआईटियन अभय सिंह होते हैं, कभी एंकरिग छोड़कर शिष्या बनी हर्षा रिछारिया कुंभ का सबसे चर्चित चेहरा हो जाती हैं. इसी फेहरिस्त में एक नाम और जुड़ा है मोनालिसा का. नाम से आपको लग रहा होगा कि क्या ये लड़की विदेश से यहां कुंभ मेले में आई है. लेकिन जब हम आपको मोनालिसा के बारे में बताएंगे तो आप चकित हो जाएंगे.

ब्राउन आंखों वाली लड़की सोशल मीडिया पर छाई

‘मोनालिसा’ की पेंटिग की तरह ही बेहद खूबसूरत मोनालिसा महाकुंभ की ब्राउन आंखों वाली लड़की के नाम से सोशल मीडया पर ट्रेंड कर रही है. लोग उसके वीडियो बनाने के साथ सेल्फी लेने उसे तलाश रहे हैं. सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे इस लड़की के वीडियो को दुनिया की खूबसूरत लड़कियों में से एक कहा जा रहा है. कौन है ये मोनालिसा और नीली आंखों वाली लड़की कुंभ में आई क्यों है.

ब्राउन आंखें, हाथ में पीली नीली माला

महाकुंभ में ब्राउन आंखों वाली लड़की मोनालिसा के वीडियो खूब देखे और सराहे जा रहे हैं. मोनालिसा ना किसी आश्रम में रुकी हैं. ना किसी महामंडलेश्वर की शिष्या हैं. मोनालिसा साधू संतों को मालाएं बेचने के लिए इस महाकुंभ में आई हैं. केवल प्रयागराज ही नहीं काशी से लेकर गुजरात तक हर जगह ये रंग बिरंगी मालाएं लेकर साधु संतों के डेरे में पहुंचती हैं. पहली बार फेसुबक और इंस्टाग्राम पर ही मोनालिसा के वीडियो देखे गए और फिर वायरल हो गए. इनमें ज्यादातर वीडियो आम लोगों ने ही बनाए हैं. जो इस वीडियो में मोनालिसा से पूछते हैं कि आखिर उसके यहां आने की वजह क्या है.

जगह-जगह मालाएं बेचती है मोनालिसा

इस पर मोनालिसा जवाब देती है कि, ”वो यहां साधू संतों को मालाएं बेचने आई हैं. उसके हाथ में कई सारी रंगबिरंगी मालाएं होती हैं.” कई वीडियो बनाते हुए मोनालिसा से कहते हैं कि आप बेहद खूबसूरत हैं. कई सिर्फ एक सैल्फी के लिए मोनालिसा के पीछे पीछे घूमते हैं. मोनालिसा बताती हैं कि, ”वे यहां साधू संतों को मालाएं बेचने आई हैं और देश में जितनी धार्मिक नगरी हैं, जहां भी धार्मिक समागम होता है वो मालाएं बेचने पहुंचती है.

मोनालिसा का करना हुआ मुश्किल

मोनालिसा वायरल होने के बाद भी कुंभ में माला बेचने का काम कर रही थी। लेकिन उनके पास हर समय लोगों की भीड़ लगी रहती। यूट्यूबर्स उनके साथ वीडियो बनाने के लिए आने लगे। जिसकी वजह से मोनालिसा अपना काम नहीं कर पा रही थी। इस दौरान वह माला बेचने के लिए निकलती तो वह मास्क और काला चश्मा लगाकर निकलती थी, ताकि लोग उसको पहचाने नहीं। लेकिन लोग फिर भी सेल्फी और वीडियो बनाने के लिए पीछा नहीं छोड़ रहे थे।

 

 

 

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