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उत्तर प्रदेश

युवती के साथ तमंचे के बल पर किया सामूहिक दुष्कर्म, मां के साथ मारपीट  

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मुरादाबाद। उप्र के मुरादाबाद जनपद के कटघर थानाक्षेत्र में घर में घुसकर दो दोस्तों ने एक युवती के साथ तमंचे के बल पर सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोप है विरोध करने पर आरोपियों ने पीड़िता और उसकी मां के साथ मारपीट की। मामले में पुलिस ने मारपीट, सामूहिक दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।

बेटी को शादी का झांस देकर ले गया था साथ

पीड़िता की मां ने बताया कि कटघर के विजय नगर निवासी अनिकेत छह माह पहले उसकी बेटी को शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया था। आरोपित ने उसे अपने घर में छिपाकर रखा और उससे देह व्यापार कराने की कोशिश की। इसका विरोध किया तो आरोपित ने उसके साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। आरोपित ने युवती से शादी करने से भी इन्कार कर दिया था।

दो दिन पहले की मारपीट

दो दिन पहले आरोपित अनिकेत, अपने दोस्त अरविंद और अपनी दो बहन और मां के साथ उसके घर में घुस आया। आरोपितों ने आते ही मां बेटी के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद आरोपित अनिकेत और अरविंद युवती को तमंचे के बल कमरे में ले गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपित ने जान से मारने की धमकी देकर मौके से भाग गए। कटघर थाना प्रभारी राजेश सोलंकी ने बताया कि मां की तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है।

आरोपित दुकान संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

पिज्जा दुकान के संचालक ने नौकरी देने का भरोसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म करके अश्लील वीडियो बना ली और उसे इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर शोषण करता रहा। कटघर पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म और धमकी देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

युवती को नौकरी की थी जरूरत

कटघर थाना क्षेत्र निवासी युवती के अनुसार उसे रोजगार की जरूरत थी। सहेली के माध्यम से उसने नौकरी के लिए आबिद मार्केट के सामने पिज्जा की दुकान संचालक से संपर्क किया। पीड़िता का आरोप है कि नौकरी देने का लाभ उठाकर डींगरपुर निवासी उस्मान ने मोबाइल पर बात करना शुरू कर प्रेमजाल में फंसा लिया। आरोपित कुछ दिन बाद उसे अपने घर ले गया। वहां नशीली काफी पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

आरोपित ने पीड़िता की अश्लील वीडियो बना ली और धमकी दी कि कहीं शिकायत की तो इंटरनेट पर वायरल कर देगा। पीड़िता के अनुसार आरोपित उसे वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल कर कई बार अपने घर पर और पिज्जा की दुकान पर बुलाकर दुष्कर्म किया।

मेडिकल कराकर दर्ज कराए जाएंगे बयान

आरोप है कि 16 जनवरी को शाम करीब साढ़े छह बजे आरोपित ने पीड़िता को फिर अपने घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। पीड़िता ने रिश्ता तय होने का हवाला देते हुए विरोध किया तो आरोपित धमकी देने लगा। पीड़िता वहां से किसी तरह बहाना बनाकर निकली। इसके बाद थाने पर पहुंच कर तहरीर दी।

प्रभारी निरीक्षक कटघर राजेश सोलंकी ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपित उस्मान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके विवेचना की जा रही है। पीड़िता का मेडिकल कराकर कोर्ट में बयान दर्ज कराए जाएंगे।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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