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प्रादेशिक

5 करोड़ दो या फिर मंदिर जाकर माफी मांगों, सलमान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

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मुंबई। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। दरअसल मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल सेल को लॉरेंस बिश्नोई के नाम से धमकी भरा मैसेज आया है। मैसेज में कहा गया है कि 5 करोड़ की रंगदारी दो या फिर मंदिर में जाकर माफी मांगों,नहीं तो जान से मार देंगे। यह धमकी गैंगस्‍टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर दी गई है। धमकी देने वाले ने दावा किया है कि वो लॉरेंस बिश्नोई का भाई है।

धमकी में कहा गया, “अगर सलमान खान जिंदा रहना चाहते हैं तो उन्हें हमारे मंदिर (बिश्नोई समाज के मंदिर) में जाकर माफी मांगनी होगी। या 5 करोड़ रुपए देने होंगे। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो हम उन्हें मार देंगे। हमारा गैंग अभी भी एक्टिव है।”फिलहाल पुलिस धमकी देने वाले शख्स की तलाश कर रही है।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में सलमान खान को कई धमकी मिली है। बांद्रा से 56 साल के आजम मोहम्मद मुस्तफा को सलमान खान को धमकी भरा मैसेज भेजने के आरोप में पकड़ा गया था। वर्ली पुलिस ने एक गुमनाम धमकी मिलने के बाद मामला दर्ज किया था। इसमें एक्टर की जान को खतरे में डालने की चेतावनी के साथ 2 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला- यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को संवैधानिक घोषित किया

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा वोर्ड एक्ट 2004 को संवैधानिक घोषित किया है और यूपी मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता बरकरार रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें यूपी मदरसा अधिनियम को रद्द कर दिया गया था। यूपी के मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ये फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा इस बेंच में शामिल थे।

बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 22 मार्च को यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए सभी छात्रों का दाखिला सामान्य स्कूलों में करवाने का आदेश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट में इसपर विस्तार से सुनवाई हुई। जिसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने 22 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का यूपी के 16000 से अधिक मदरसों में पढ़ने वाले 17 लाख छात्रों के भविष्य पर असर पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि यूपी मदरसा एक्ट के सभी प्रावधान मूल अधिकार या संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर का उल्लंघन नहीं करते। कोर्ट ने इसे संवैधानिक बताया है। बता दें कि साल 2004 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते ये क़ानून राज्य सरकार ने पास किया था।

 

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