Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूपी जीआईएस में टॉप फाइव रैंकिंग वाले जिलों में शुमार हुआ गोरखपुर

Published

on

Loading

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ने औद्योगिक नगरी के रूप में बन रही गोरक्षनगरी की नई पहचान को और मजबूत कर दिया है। दशकों तक पिछड़ा माना गया गोरखपुर निवेशको के लिए पसंदीदा गंतव्य बनकर उभरा है। यूपी जीआईएस की उपलब्धियों के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। गोरखपुर टॉप फाइव रैंकिंग वालों में शुमार हुआ है। निवेश जुटाने के मामले में प्रदेश के सभी 75 जिलों में पूर्वांचल को लीड करते हुए गोरखपुर ओवरऑल गौरवपूर्ण चौथे पायदान पर रहा। गोरखपुर का नम्बर गौतमबुद्ध नगर (प्रथम), आगरा (द्वितीय) और लखनऊ (तृतीय) के बाद है। निवेश जुटाने में गोरखपुर जनपद गाजियाबाद, कानपुर और मुरादाबाद से भी आगे रहा है।

यूपी जीआईएस में गोरखपुर को 1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए एमओयू हुए। इसके धरातल पर उतरने से करीब 1.98 लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। जिले में होने जा रहे निवेश में परंपरागत उद्योगों के साथ कई नए सेक्टर भी शामिल हुए हैं। दीगर तथ्य यह भी है कि गोरखपुर में पहली बार हरित और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश होने जा रहा है। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में हरित और नवीकरणीय ऊर्जा समय की मांग है। इसका उल्लेख राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जीआईएस में अपने मार्गदर्शन के दौरान किया। गोरखपुर में ग्रीन अमोनिया प्लांट स्थापित करने के लिए मेसर्स अवाडा वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से 22500 करोड़ रुपये का एमओयू किया गया है। जबकि सोलर एनर्जी पार्क की स्थापना के लिए आरजी स्ट्रेटजी ग्रुप ने 1772 करोड़ रुपये के निवेश का करार किया। ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट के लिए रुद्रा गैस इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से 200 करोड़ रुपये के निवेश हेतु एमओयू किया गया।

उल्लेखनीय है कि बीते करीब छह सालों में शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सुदृढ़ कानून व्यवस्था और ‘इंडस्ट्री फ्रेंडली पॉलिसी’ से उत्तर प्रदेश में देश-दुनिया के निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। इसका फायदा सिर्फ एनसीआर तक सीमित नहीं है बल्कि गोरखपुर जैसे पूर्वांचल के जिलों के प्रति भी निवेशक आकर्षित हुए हैं। बेहतरीन रोड और एयर कनेक्टिविटी की सुविधा तथा उद्यमियों की मांग के अनुरूप पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के चलते समूचा गोरखपुर, खासकर गीडा पहले से निवेशकों की पसंद बना हुआ है।

जीआईएस की उपलब्धियों को गोरखपुर के लिहाज से (एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश) देखें तो यहां पेपर मिल प्रोजेक्ट के लिए आरजी स्ट्रेटजी ग्रुप में 2935 करोड़ रुपये के निवेश का करार किया है। एलपीजी पाइप लाइन के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की तरफ से 1800 करोड़, बांस आधारित उत्पाद के लिए आर्टिजन एग्रोटेक की तरफ से 1400 करोड़, एथेनॉल और डिस्टलरी के लिए केयान डिस्टलरीज की तरफ से 1200 करोड़ तथा कार्बोनेटेड ड्रिंक, फ्रूट पल्प प्लांट के लिए वरुण वेवरेजेज (पेप्सिको की फ्रेंचाइजी) की तरफ से 1071 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू हुआ। जिले को होटल एंड हॉस्पिटैलिटी, रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट, हॉस्पिटल, हैवी इंजीनियरिंग आदि सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर निवेश प्रस्ताव मिले।

यूपी जीआईएस में टॉप फाइव जिले
जनपद निवेश (लाख करोड़ रु.)
गौतमबुद्धनगर 7.85
आगरा 2.18
लखनऊ 1.96
गोरखपुर 1.71
वाराणसी 1.37

Continue Reading

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending