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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर: संपत्ति विवाद में मां-बेटे ने जहर खाकर दी जान, बड़ा बेटा आरोपी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर से संपत्ति विवाद (Property dispute) में मां-बेटे द्वारा जहर खाकर जान देने का मामला सामने आया है। घटना गोरखनाथ इलाके की है।

मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके के जन प्रिय बिहार कॉलोनी के एलआईजी 100 में सरोज देवी (55) अपने बड़े बेटे श्रीश राव और छोटे बेटे मनीष राव (28) के साथ रहती थी। कुछ माह पहले उन्होंने जनप्रिय बिहार के मकान को 69 लाख में बेच दिया। रकम को मां और बड़े बेटे के संयुक्त खाते में रखा गया था।

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मोहल्ले वालों के अनुसार, बड़े बेटे ने चुपके से खाते को एकला करवाने के साथ रकम निकाल कर अलग जगह मकान खरीद लिया। इसकी जानकारी होने पर मां नाराज हुई तो वह 10 नंवबर को पत्नी के साथ ससुराल में जाकर रहने लगा। इस बीच कई बार मां ने छोटे बेटे के लिए रुपये की मांग की, लेकिन बड़े बेटे ने रुपये देने से इनकार कर दिया।

मंगलवार को भी मां-बेटे ने श्रीश को फोन कर रुपये मांगे, लेकिन उसने पैसे देने से मना कर दिया। आरोप है कि श्रीश के व्यवहार से आहत मां और बेटे ने मंगलवार देर रात जहर खा लिया। जानकारी मिलने के बाद मोहल्ले के लोगों दोनों को गंभीर हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।

वहां से रेफर करने के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना मंगलवार देर रात 11.30 बजे की है। घटना की सूचना मिलने के बाद गोरखनाथ पुलिस में शव को कब्जे में ले लिया है।

अपने मकान में ही किराएदार बनकर रह गए थे दोनों

करीब 6 महीने पहले जब सरोज देवी ने अपना मकान बेचा था तो खरीदने वाले ने उन्हें रहने की व्यवस्था न होने तक उसी घर में रहने की अनुमति दे दी थी। लिहाजा वह पिछले 6 माह से अपने ही मकान में किराएदार बनकर रह रहे थे। छोटा बेटा मनीष गाड़ी धोने की दुकान चलाता था।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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