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मां बनने के लिए पति की पैरोल के खिलाफ SC पहुंची सरकार, जानें क्या है मामला

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नई दिल्ली। संतान पैदा करने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने कुछ समय पहले उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी को 15 दिनों का पैरोल दिया था। अब राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

राज्य सरकार की तरफ से यह मामला चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना के समक्ष रखा गया है। चीफ जस्टिस को बताया गया है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद इसी बात को आधार बना कर अब कई कैदी पैरोल की डिमांड कर रहे हैं। राज्य के नियमों के मुताबिक, पैरोल के लिए यह कोई शर्त नहीं है।

राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि राज्य के नियम के मुताबिक, संतान पैदा करने के लिए पैरोल दी जाए इसको लेकर स्पष्ट नियम नहीं है। जिसके बाद इस आदेश की वजह से दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे आवेदनों की बाढ़ आ गई है। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 29 जुलाई को सुनवाई करेगी।

बता दें कि इसी साल अप्रैल के महीने में राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी को अपनी पत्नी से संबंध बनाने और संतान पैदा करने के लिए पैरोल दिया था। उस फैसले में अदालत ने कहा था कि गर्भधारण करने के लिए संबंध बनाने की इजाजत नहीं देना पत्नी के अधिकारों का हनन होगा।

दरअसल 34 साल के नंदलाल भीलवाड़ा को सेशंस कोर्ट ने साल 2019 में एक मामले में उम्र कैद की सजा दी थी। उसके बाद से वह अजमेर की जेल में बंद है। उसकी पत्नी रेखा ने अजमेर की डिस्ट्रिक्ट पैरोल कमेटी के अध्यक्ष को आवेदन देकर यह मांग की थी कि उसके पति को पैरोल दी जाए, जिससे वह मां बन सके।

इस बीच यह मामला राजस्थान हाई कोर्ट पहुंच गया। वहां 2 जजों की बेंच ने यह कहा कि भले ही राज्य के पैरोल से जुड़े नियमों- ‘राजस्थान प्रिजनर्स रिलीज ऑन पैरोल रूल्स’ में पत्नी से संबंध बनाने के लिए कैदी की रिहाई का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन महिला के अधिकार को देखते हुए हम कैदी को पैरोल देने का आदेश देते हैं।

महिला के कैदी पति को पैरोल देते वक्त अदालत ने पैरोल नियमों पर भी ध्यान दिया था। अदालत ने कहा था पैरोल के नियमों में ऐसा कोई रूल नहीं है। लेकिन महिला को राहत देते हुए अदालत ने कहा था कि पत्नी की यौन इच्छा और इमोशनल जरूरतें वैवाहिक जीवन से जुड़ी हुई है। जो इन नियमों की वजह से प्रभावित होंगी।

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महाराष्ट्र के पुणे में भयानक सड़क हादसा, नशे में धुत ट्रक ड्राइवर ने फुटपाथ पर सो रहे 9 लोगों को कुचला

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पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में रविवार की आधी रात एक भयानक सड़क हादसा हुआ है, जिसमें दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। सड़क हादसे के बारे में बताया जा रहा है कि पुणे में फुटपाथ पर सो रहे नौ लोगों को नशे में धुत एक ड्राइवर अपने ट्रक से कुचल दिया, जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस दुर्घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। नौ लोगों में से तीन की तो मौत हो गई है, छह लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें ससून जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है।

कहा जा रहा है कि ये हादसा रविवार की रात करीब 12.30 बजे वाघोली के केसनंद फाटा इलाके में हुई जहां एक ट्रक चालक ने फुटपाथ पर सो रहे लोगों को कुचल दिया था। हादसे के मृतकों की पहचान वैभवी पवार (1), वैभव पवार (2) और विशाल पवार (22) के रूप में हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हादसे में मारे गए और घायल हुए सभी मजदूर परिवार थे जो अमरावती से यहां आये थे। जब ये सभी सड़क किनारे फुटपाथ पर गहरी नींद में सोए हुए थे तभी नशे में धुत एक डंपर ड्राइवर ने इन सो रहे लोगों को कुचल दिया। घायलों में तीन की हालत गंभीर है।

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