उत्तर प्रदेश
उस्मान एनकाउंटर में आई सरकार की प्रतिक्रिया, कहा- कानून के दायरे में होगी कार्रवाई
लखनऊ। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में शामिल आरोपियों पर ताबड़तोड़ एक्शन जारी है, आज सोमवार सुबह इस हत्याकांड में शामिल रहे एक और अपराधी विजय उर्फ़ उस्मान चौधरी को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया गया।
इस एनकाउंटर के बाद पहली बार सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और एसटीएफ को लगाया गया है और जांच जारी है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने हत्याकांड में शामिल एक और आरोपी को मार गिराया है। बाकी बचे लोगों के खिलाफ कानून के दायरे में रहते हुए कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि उस्मान ने ही उमेश पाल और संदीप निषाद पर पहली गोली चलाई थी।
बता दें कि उस्मान से पहले इस हत्याकांड में शामिल रहे अरबाज को भी पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था। अरबाज, हत्याकांड के दौरान क्रेटा कार चला रहा था। जिस नेहरू पार्क में बदमाश का एनकाउंटर हुआ था, वह उमेश पाल के घर से करीब दो किमी दूर है।
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
गौरतलब है कि प्रयागराज में 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो गनर की 24 फरवरी को हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद योगी सरकार हरकत में आई और माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। माफिया अतीक अहमद के करीबी रहे सभी लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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