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प्रादेशिक

राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 व नेशनल गेम्स में पदक अर्जित करने वाले खिलाड़ियों का सम्मान

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लखनऊ। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि बसंत पंचमी के पवित्र दिन पर खिलाड़ियों के सम्मान की खुशी है। खिलाड़ी जब खिलाड़ी बनता है तब उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक क्षमता के साथ सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन बढ़ता है। बिन अनुशासन मानव जीवन में गड़बड़ी होती है। परिणाम स्वरूप इज्जत पर भी आंच आती है। आमने-सामने जब खेलते हैं, तो कभी हार तो कभी जीत मिलती है। हार पर निराश न हों, आगे जीतने का प्रयास करना चाहिए और जब जीतते हैं तो आडंबर नहीं आना चाहिए। आम के पेड़ पर फल आता है तो वो झुक जाता है। नमर्ता, विवेक और मदद की भावना आती है। आप विदेशों के खिलाड़ियों से मिलते होंगे। वहां के संस्कार, परंपरा व खिलाड़ियों से दोस्ती होती है। वहां उन्हें कैसी मदद मिलती और हम कैसी मदद करते, यह भी चर्चा होती होगी।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के अंतर्गत गुरुवार को राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 व 36वें नेशनल गेम्स-2022 में पदक जीतने व प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के अलंकरण समारोह को संबोधित किया।

राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ी को खेल के साथ पढ़ना कतई नहीं छोड़ना चाहिए। सर्टिफिकेट के साथ आप खेल की दुनिया में नाम रोशन करते हैं। इससे अवसर जल्दी मिलता है। नियुक्ति के लिए डिग्री व खिलाड़ी का सर्टिफिकेट है तो आपका चयन पहले होगा। क्षमता के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि मेरठ में खेल विश्वविद्यालय में शिलान्यास के लिए जब पीएम आए थे तो खिलाड़ियों से चर्चा की थी कि आप जहां से आते है, वहां के प्राइमरी-सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को सिखाओ। आपका टैलेंट आसपास के लोगों तक पहुंचना चाहिए। उनको फायदा होगा, उससे अधिक आपको फायदा होगा। बच्चों के साथ खेलने पर आनंद आएगा और अभिभावक भी आपकी सराहना करते रहेंगे। एक खिलाड़ी-10 खिलाड़ी को तैयार करे, ऐसी सोच होनी चाहिए।

विश्वविद्यालय में थीं कबड्डी व खो-खो की चैंपियन

राज्यपाल ने बताया कि वे विश्वविद्यालय में कबड्डी व खो-खो की चैंपियन थीं। बीएससी-एमएससी के साथ मैदान में जाकर खेलते और प्रतिभाग करते थे, फिर घर जाकर रोटी भी पकाती थी। मां छोटी आयु से यह सिखाती है, लेकिन आपकी भी रूचि होनी चाहिए। पीएम ने परंपरागत खेल को सिखाने की भी बात कही थी। परंपरागत खेलों (खो-खो, कबड्डी, दौड़ आदि) में कोई खर्च नहीं है। 8-10 बच्चे मिलकर खेल लेते हैं। राजभवन में 40-45 बच्चियों को जूडो सिखवाया। वे स्कूलों में मेडल जीतकर आती हैं। अब लड़कों के लिए जूडो सिखाने की शुरुआत की। 2 वर्ष से हम परंपरागत खेल चला रहे हैं। लगभग 22-23 खेल हमारे बच्चे सीखते और प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। पहले जो बच्चे बीमार होते थे, अब नहीं होते। दवाई लेने की बजाय मैदान में जाकर खेलो। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खेल अनिवार्य होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि खिलाड़ियों को आगे आने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार सुविधाएं दे रही हैं, लेकिन वहां से मिले, तब खेलूं। इससे बढ़िया है कि खेलते रहिए।

घऱ जाकर मां को मेडल पहना देना

खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बेटियां 240 किलो वजन उठा रही हैं। हम तो सब्जी लेने भी जाते हैं तो नौकर लेकर जाते हैं। आज हमारी यह स्थिति हो गई है। खेल से सब कुछ मिलता है। बैठने व बात करने से कुछ नहीं मिलता। सुबह 4 बजे उठना पड़ता है। कई बार मैंने देखा कि 4 बजे बच्चों के साथ मां भी जाती है। 2-3 घंटे व्यायाम के बाद मां बच्चे को घऱ लेकर आती हैं, फिर तैयार कर स्कूल भेजती हैं। मत भूलिए, मां ने आपकी सबसे अधिक मदद की है। आप मां-पिता को मत भूलिए। मैं विश्वविद्यालयों में भी कहती हूं कि अपना मेडल सबसे पहले मां को पहना देना और बोलना-मां तेरे प्रयास से यह मेडल प्राप्त हुआ है। कई खिलाड़ियों के पास सुविधा व खेल मैदान नही हैं। टीवी में देखा कि कई माता-पिता बताते हैं कि अपने खेत में शूटिंग रेंज बनाई और बेटे को सिखाया। उनका भाव होता है कि खेती नहीं होने से गेहूं नहीं आएगा तो चलेगा, बेटा-बेटी तैयार हो गए तो सब मिल गया। घऱ-परिवार-शासन से मिली सुविधाओं का सम्मान कीजिए। खुश रहिए, यदि मेडल नहीं मिला तो संकल्प लीजिए कि अगली बार आऊँगा, फिर मेडल लेकर जाऊंगा।

हमने न सिर्फ यूपी, बल्कि टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों का सम्मान कियाः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 74वें गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारत बड़ी ताकत के रूप में पीएम के पंच प्रण के अभियान के साथ जुड़ रहा है। आज बसंती पंचमी भी है। यह प्रकृति के सौंदर्य व सुंदरता को प्रदर्शित करने वाली प्राकृतिक परिवर्तन की महत्वपूर्ण कड़ी है। ज्ञान की अधिष्ठात्री मां शारदे के पूजन की भी तिथि है।

सीएम ने कहा कि प्रदेश में खेल और इससे जुड़ी विभिन्न विधाओं को बढ़ाने के लिए 8 वर्ष में अनेक कार्यक्रम हुए। पीएम मोदी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से खेलो इंडिया के कार्यक्रम बढ़े, उसके परिणाम दिख रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक में जिन खिलाड़ियों ने प्रतिभाग-पदक जीता, उन सभी खिलाड़ियों को इकाना स्टेडियम में अलग समारोह में सम्मानित किया था। यूपी देश का इकलौता राज्य था, जिसने न सिर्फ अपने राज्य, बल्कि मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया था। पैरालंपिक में भी यूपी के खिलाड़ियों व मेडल जीतने वाले देश के खिलाड़ियों को मेरठ में सम्मानित किया था। प्रदेश सरकार ने खेल में अनेक कार्यक्रमों को बढ़ाया। खेल व युवा कल्याण विभाग के जरिए अलग-अलग कार्यक्रम चल रहे हैं।

हर ग्राम पंचायत में उपलब्ध कराई जा रही स्पोट्रस किट

सीएम ने कहा कि हर गांव में कन्वर्जन के माध्यम से खेल मैदान के लिए जमीन आरक्षित करने, ओपन जिम निर्माण, ब्लाक स्तर पर मिनी स्टेडियम, जनपद स्तर पर स्टेडियमों की कार्रवाई युद्ध स्तर पर चल रही है। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए ओलंपिक या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने की दिशा में काम किए। दो खिलाड़ियों (ललित उपाध्याय व विजय यादव) को राजपत्रित अधिकारयों के रूप में नियुक्ति पत्र दिया। शीघ्र ही कई अन्य खिलाड़ियों को राज्य सरकार में नौकरी देने जा रहे हैं। मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय मेरठ में बनने जा रहा है। मेरठ के खेल उत्पादों को हमने ओडीओपी का हिस्सा बनाया। युवक व महिला मंगल दल के माध्यम से स्पोट्र्स किट हर ग्राम पंचायत में उपलब्ध कराई जा रही है।

सीएम ने कहा कि यूपी सरकार ओलंपिक में एकल गेम में स्वर्ण जीतने पर 6 करोड़, रजत पर 4 करोड़ व कांस्य जीतने पर दो करोड़ देती है। टीम गेम्स में स्वर्ण पदक पर तीन करोड़, रजत पदक पर दो करोड़ व कांस्य जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ की पुरस्कार राशि दे रहे हैं। एशियन गेम्स में स्वर्ण पर तीन करोड़, रजत पर डेढ़ करोड़ व कांस्य पर 75 लाख रुपये दे रहे। कॉमनवेल्थ व विश्व कप चैंपियनिशप में स्वर्ण पदक पर डेढ़ करोड़, रजत पर 75 लाख व कांस्य पर 50 लाख रुपये पुरस्कार स्वरूप दे रहे। ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को 10-10 लाख तथा एशियन-कॉमनवेल्थ में 5-5 लाख रुपये देते हैं। बर्मिंघम (इंग्लैड) में हुए कॉमनवेल्थ में प्रदेश के 14 में से 4 रजत व 4 कांस्य पदक खिलाड़ियों ने जीता। 29 सितंबर-12 अक्टूबर 22 ( गुजरात में 36वें नेशनल गेम्स) में यूपी के खिलाड़ियों ने 18 खेलों में 20 स्वर्ण, 18 रजत व 18 कांस्य पदक जीतकर गौरव बढ़ाया।

इस अवसर पर खेल व युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद यादव, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (खेल) नवनीत सहगल आदि मौजूद रहे।
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कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का सम्मान (14 ने प्रतिभाग किया, 8 ने पदक जीता)

मुजफ्फरनगर की दिव्या काकरान- कांस्य (कुश्ती)-50 लाख
सरिता रोमित सिंह-प्रतिभाग (एथलेटिक्स) -5 लाख
पूनम यादव प्रतिभाग (भारोत्तोलन)-5 लाख
पूर्णिमा पांडेय- प्रतिभाग (भारोत्तोलन) -5लाख
रोहित यादव- प्रतिभाग (एथलेटिक्स) -5 लाख
विश्वनाथ यादव- प्रतिभाग (ट्रायथलॉन) -5 लाख

गुजरात में हुए 36वें राष्ट्रीय खेल (29 सितंबर-12 अक्टूबर) पदक विजेताओं का भी सम्मान

स्वर्ण पदक-6 लाख

संचित भंडारी-स्केटिंग
प्राची सिंह-स्केटिंग
सरिता-हैमर थ्रो
सूरज यादव- वुशु-
पूर्णिमा पांडेय-भारोत्तोलन-(87 किग्रा. भारवर्ग से अधिक)
जोटीं कुमार-कुश्ती-
दिव्या-कुश्ती
युविका तोमर- शूटिंग
हुसैन खान-एथलेटिक्स
सिद्धार्थ वर्मा-जिम्नास्टिक
टीम इवेंट (बास्केटबाल- कुलदीप सिंह)
कबड्डी (टीम गेम्स) स्वर्ण पदक

रजत पुरस्कार (4 लाख रुपये)

पूनम यादव-भारोत्तोलन (76 किग्रा.)
सबीरा हैरिस-शूटिंग
किरन देवी-रोइंग
अरविंद पवार-साइक्लिंग
दीपिका वर्मा-डिस्कस थ्रो
आदित्य सिंह राणा-जिम्नास्टिक
रोहित यादव- जेवलिन थ्रो
सैयद बुरहान-साइक्लिंग
करुणा शर्मा-जूडो (78 किग्रा. भारवर्ग)
टीम गेम्स (जिम्नास्टिक)
रजत जीतने वाली यूपी की हॉकी टीम को 18 लाख रुपये देकर पुरस्कृत किया गया।

कांस्य पदक
राशि शर्मा-बॉक्सिंग
रूपम- एथलेटिक्स
अभिषेक चौधरी-जूडो (81 किग्रा. भारवर्ग)
शिवानी-
कपिल नागर-वुशु-
वीनेश कुंडु-कुश्ती
यतेंद्र-कुश्ती
आदित्य- मलखंभ
राधा राजपूत-मलखंभ
कविता यादव-एथलेटिक्स
फ्रीडम यादव- कुश्ती
नीलम-कुश्ती
मो. .. जिम्नास्टिक
साक्षी चौधरी
टीम गेम्स इवेंट के प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया।

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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर के विकास की ब्रांडिंग का अवसर होगा खिचड़ी मेला: सीएम योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक चलने वाला खिचड़ी मेला गोरखपुर के विकास की ब्रांडिंग का भी महत्वपूर्ण अवसर होगा। प्रशासन का प्रयास होना चाहिए कि मेले में जो भी श्रद्धालु आएं वह गोरखपुर के प्रति अविस्मरणीय सकारात्मक छवि अपने मन में संजो कर जाएं। उन्होंने निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सहूलियत को लेकर जिन भी विभागों को जिम्मेदार दी गई है, वे अपनी सभी तैयारियां हरहाल में 25 दिसंबर तक पूरी कर लें।

सीएम योगी रविवार शाम, गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर लगने वाले विश्व प्रसिद्ध पारंपरिक खिचड़ी मेले की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। गोरखनाथ मंदिर के सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में विभिन्न विभागों की तरफ से खिचड़ी मेला को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी लेने के बाद कहा कि उन्होंने कहा कि खिचड़ी मेले से न सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश वरन बिहार, नेपाल से लगायत देश-दुनिया के सनातन मतावलंबियों की आस्था जुड़ी है। इसके दृष्टिगत मेले में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जाए जिससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में आए सकारात्मक बदलाव की ब्रांडिंग खिचड़ी मेले भी दिखनी चाहिए। इसके लिए सुरक्षा और सभी सुविधाओं पर पूरा ध्यान होना चाहिए। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन के अलावा श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए सुदृढ़ सड़कों, शौचालय, साफ सफाई, अलाव, लंगर आदि की भी व्यवस्था में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने खिचड़ी मेला को प्लास्टिक फ्री इवेंट बनाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि मेला परिसर में कई जगहों पर जूता चप्पल रखने के भी इंतजाम होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भी ध्यान रखा जाए कि खिचड़ी मेले में आने वाला कोई भी श्रद्धालु खुले में न सोये, उसे निकट के रैन बसेरों में सम्मानपूर्वक आवासित कराया जाए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी रैन बसेरों में पर्याप्त बिस्तर, कंबल तथा सफाई आदि की व्यवस्था बेहतर हो। इसके साथ ही मेले में लग रहे झूलों की सुरक्षा की समय रहते परख कर ली जाए। पुलिस को सुरक्षा और सतर्कता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेले के समय वाहन पार्किंग स्थल में खड़े हों, वाहन स्टैण्ड पर प्रकाश एंव साफ सफाई की व्यवस्था हो।

सीएम योगी ने कहा कि खिचड़ी मेला के लिए श्रद्धालुओं को गांव-गांव तक परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। परिवहन विभाग इसके लिए रोडवेज बसों के पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित करे। साथ ही रेलवे प्रशासन अलग अलग स्टेशनों से मेला स्पेशल ट्रेनों का संचलन कराएगा। गोरखपुर स्टेशन व बस स्टेशन से इलेक्ट्रिक सिटी बसों की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इन सुविधाओं की जानकारी भी अभी से लोगों को दी जाए। सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को मेला के दौरान विशेष तौर पर अलर्ट रहना होगा। मेला परिसर में हेल्थ कैम्प भी लगाया जाए।

गोरखपुर में डबल डेकर बस चलाने पर हो विचार : मुख्यमंत्री

खिचड़ी मेले की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में जारी विकास परियोजनाओं की प्रगति भी जानी और स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में किए जाने वाले अन्य संभावित कार्यों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में डबल डेकर बसों के चलाने की संभावना पर भी विचार किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने शहर में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए जीडीए, नगर निगम, प्रशासन और पुलिस को समन्वित कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि जहां भी पार्किंग की जरूरत है वहां पार्किंग बनाएं और जहां मल्टीलेवल पार्किंग की जरूरत हो, उसके लिए जमीन चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नाबालिकों के हाथ में वाहनों की कमान न हो। मुख्यमंत्री ने फोरेस्ट्ररी यूनिवर्सिटी की प्रक्रियात्मक प्रगति के साथ जटायु संरक्षण केंद्र के संचालन की भी जानकारी ली। उन्होंने सभी सड़क परियोजनाओं को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण करने और सुचारू विद्युत आपूर्ति के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने रोड प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान कहा कि सड़क के किनारे के नालों को कवर्ड कराएं ताकि उनका इस्तेमाल फुटपाथ के रूप में हो सके।

ग्राम पंचायत स्तर पर खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं को जोड़ें गोरखपुर महोत्सव से : सीएम योगी

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी 10 से 12 जनवरी तक होने वाले गोरखपुर महोत्सव की तैयारियों की जानकारी भी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत तथा विकास खण्ड स्तर पर खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन कर इसे गोरखपुर महोत्सव से जोड़ें। साथ ही महोत्सव में गोरखपुर के इतिहास और विकास की प्रदर्शनी भी लगाई जाए।

महाकुंभ के दृष्टिगत बनेंगे तीन अस्थायी रैन बसेरे

समीक्षा बैठक के दौरान नगर आयुक्त ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि प्रयागराज महाकुंभ के दृष्टिगत गोरखपुर शहर में 14 स्थायी रैन बेसरों के अलावा तीन नए अस्थायी रैन बसेरे बनाए जाएंगे। ये रैन बसेरे रेलवे और बस स्टेशन के पास होंगे ताकि प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सुविधा उपलब्ध हो। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन रैन बसेरे में सुविधा के साथ सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था हो। पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस की ड्यूटी भी रहे।

समीक्षा बैठक में पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, पुलिस, बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आपूर्ति विभाग, वन विभाग व वन निगम, पूर्वोत्तर रेलवे, परिवहन और सूचना विभाग ने खिचड़ी मेला को लेकर अपनी तैयारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। बैठक में महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एडीजी जोन डॉ. केएस प्रताप, कमिश्नर अनिल ढींगरा, आईजी आनंद कुलकर्णी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन समेत प्रशासन, पुलिस, पीडब्ल्यूडी, बिजली, स्वास्थ्य समेत कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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