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प्रादेशिक

अब गुजरात में मिला कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट, जिम्बाब्वे से लौटा शख्स पाया गया पॉजिटिव

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नई दिल्ली। जामनगर पहुंचे जिम्बाब्वे के एक निवासी के कोविड-19 के नए म्यूटेंट से संक्रमित पाए जाने के बाद गुजरात ने शनिवार को पहला ओमिक्रॉन का मामला दर्ज किया है। जामनगर के जीजी अस्पताल के कोरोना के नोडल अधिकारी, डॉ. एस. चटर्जी ने आईएएनएस को बताया, अहमदाबाद में बायोटेक्निकल अनुसंधान प्रयोगशाला में भेजे गए 72 वर्षीय जिम्बाब्वे निवासी के नमूने ओमिक्रॉन के लिए पॉजिटिव टेस्ट किया है। मरीज आइसोलेट है। हमने उसके सभी करीबी संपर्कों का पता लगाया, उनकी जांच की और उनका टेस्ट निगेटिव आया है।

लेकिन हम एक बार फिर उनके सभी संपर्कों का टेस्ट करेंगे। जैसा कि वह जिम्बाब्वे से लौटा था, एक अफ्रीकी राष्ट्र और अधिकारियों द्वारा पहचाने गए जोखिम देशों में से एक, उसके नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अहमदाबाद भेजे गए थे, जो पॉजिटिव आया।

माना जा रहा है कि यह शख्स जामनगर का रहने वाला है, जो कई सालों से जिम्बाब्वे में रह रहा है। वह 28 नवंबर को अपने ससुर से मिलने पहुंचा था। बुखार होने के बाद उनके डॉक्टर ने उन्हें आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की सलाह दी थी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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