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प्रादेशिक

गुजरात: कांग्रेस की उम्मीदों को झटका, सक्रिय राजनीति में नहीं उतरेंगे नरेश पटेल

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अहमदाबाद। गुजरात के प्रभावशाली पाटीदार नेता नरेश पटेल ने सक्रिय राजनीति में नहीं उतरने का ऐलान किया है। करीब छह महीने तक सस्पेंस बनाए रखने के बाद श्री खोडलधाम ट्रस्ट के प्रमुख द्वारा किए गए इस ऐलान से कांग्रेस की उम्मीदों को झटका लगा है।

दिसंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी हुई थी। इस मुद्दे पर मंथन के लिए दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी थीं।

नरेश पटेल ने कहा कि युवा और महिलाएं उनके सक्रिय राजनीति में उतरने के पक्ष में हैं, लेकिन समुदाय के नेता पूरी तरह इसके खिलाफ हैं।

पटेल ने राजकोट जिले में स्थित खोडलधाम में मीडिया से बातचीत में कहा पाटीदार समुदाय के वरिष्ठ लोगों ने मुझे कहा कि यदि मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल होता हूं तो हर समुदाय के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा। खोडलधाम के शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि से संबंधित कई प्रॉजेक्ट्स अभी अधूरे हैं। मेरा लक्ष्य पहले इन प्रॉजेक्ट्स को पूरा करना है।”

युवाओं को देंगे राजनीति की ट्रेनिंग

नरेश पटेल ने आगे कहा इन वजहों को ध्यान में रखकर मैंने इस समय राजनीति में नहीं प्रवेश करने का फैसला किया है। आप कह सकते हैं कि मैंने इस विचार को स्थायी रूप से रद्द कर दिया है लेकिन कोई नहीं जानता कि भविष्य में क्या होगा।

इस दौरान पटेल ने खोडलधाम पॉलिटिकल अकैडमी खोलने की भी घोषणा की जिसमें सभी समुदाय के ऐसे युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी जो सक्रिय राजनीति में जाना चाहते हैं।

पक्ष में थे युवा, विरोध में बुजुर्ग

गौरतलब है कि ट्रस्ट की एक कमिटी ने समुदाय से विचार लेने के लिए एक सर्वे भी किया है। इस सर्वे का हवाला देते हुए पटेल ने कहा कि करीब 80 फीसदी युवा और 50 फीसदी महिलाएं राजनीति में प्रवेश के पक्ष में थीं।

उन्होंने कहा,  करीब 100 फीसदी वरिष्ठ नागरिकों ने विचार दिया कि मुझे रानजीति से दूर रहना चाहिए। मैं उनकी चिंताओं से सहमत हूं।

पटेल ने यह भी कहा कि वह अपने बेटे शिवराज को भी राजनीति से दूर रहने को कहेंगे। गौरतलब है कि गुजरात में पाटीदारों की आबादी 11-12 फीसदी है और कई विधानसभा क्षेत्रों में इनकी निर्णायक भूमिका होती है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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