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प्रादेशिक

गुरमीत राम रहीम को मिली 21 दिनों की फरलो, जेल से आ सकेगा बाहर

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नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने दुष्कर्म केस में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो दे दी है। खट्टर सरकार के इस फैसले के बाद डेरा प्रमुख अब जेल से बाहर आ सकेगा। पंजाब चुनाव से 13 दिन पहले राम रहीम की रिहाई को चुनावी विशेषज्ञ अहम घटनाक्रम मान रहे हैं। बता दें कि गुरमीत राम रहीम इस समय दुष्कर्म और हत्या केस में जेल में बंद है।

कई विधानसभा सीटों पर डेरा प्रमुख का प्रभाव

पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को रिहाई को आगामी चुनाव जोड़ कर देखा जा रहा है। माना जाता है कि पंजाब के मालवा रीजन में डेरा सच्चा सौदा की अच्छी पकड़ है। यहां की 69 सीटों पर डेरा का प्रभाव है। इनमें फिरोजपुर, मोगा, फाजिलका, अबोहर, फरीदकोट, मुक्तसर, साहिब बठिंडा, लुधियाना, पटियाला, मानसा, संगरूर, बरनाला, मलेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब जिले में डेरा के समर्थकों की संख्या काफी अधिक है।

दूसरी बार आएगा जेल से बाहर

यह दूसरा मौका है जब गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर आएगा। इससे पहले बीमार मां को देखने के लिए उसे 12 घंटे की पेरोल दी गई थी। लेकिन इस बार उसे 21 दिनों की फरलो मिली है। राम रहीम को सशर्त फरलो दी गई है। जेल से बाहर रहने के दौरान डेरा प्रमुख को हमेशा पुलिस की निगरानी में रहना पड़ेगा।

बता दें कि राम रहीम दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है। गौरतलब है कि दो दिन पहल ही हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने कहा था कि जेल में हर कैदी को फरलो पाने का अधिकार है और यही डेरा प्रमुख पर भी लागू होता है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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