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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी: हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, सील इलाके के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग

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Gyanvapi: Hindu side files petition in Supreme Court, demands scientific survey of sealed area

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नई दिल्ली। वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में अब एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। हिंदू पक्ष ने सील की जगह का सर्वे कराने की मांग की है। दाखिल की गई याचिका के अनुसार बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए वजूखाने का एएसआई सर्वे कराने का निर्देश देने की मांग की है।

मई 2022 में वजूखाना में शिवलिंग जैसी रचना मिलने के बाद से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस जगह को सील कर दिया गया था। हिंदू पक्ष उसे काशी विश्वनाथ का मूल शिवलिंग मानता है। अब हिंदू पक्ष ने इस सील किए गए क्षेत्र का सर्वे कराने की मांग की है।

गौरतलब है कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर से जुड़ी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। ASI की टीम को ज्ञानवापी के सर्वे में 55 मूर्तियां मिलीं हैं। ज्ञानवापी की दीवार सहित कई स्थानों पर 15 शिवलिंग और अलग-अलग काल के 93 सिक्के भी मिले हैं।

पत्थर की मूर्तियों के साथ ही अलग-अलग धातु, टेराकोटा सहित घरेलू इस्तेमाल की 259 सामग्रियां मिली हैं। एक पत्थर ऐसा है, जिस पर राम लिखा है। जीपीआर सर्वे में मुख्य गुंबद के नीचे बेशकीमती पन्नानुमा टूटी कीमती धातु मिली है। इसे मुख्य शिवलिंग बताया जा रहा है। इस स्थान पर खनन और सर्वे की बात कही गई है।

एएसआई की 176 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी परिसर का जो सर्वे किया था, उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है। रिपोर्ट में ज्ञानवापी को बड़ा हिंदू मंदिर बताया गया है। इसमें 32 अहम हिंदू स्थलों का जिक्र है। शिवलिंग के साथ नंदी, गणेश की मूर्तियां भी मिली हैं।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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