अन्तर्राष्ट्रीय
समर्थन के लिए भारत का आभारी है इस्राइल, हमास के नष्ट होने तक जारी रहेगा मिशन: राजदूत गिलोन
नई दिल्ली। गाजा पट्टी में इस्राइल और हमास के बीच युद्ध बीते 50 दिनों से जारी है। इस्राइली सेना की बमबारी के बीच पश्चिम एशिया में अभूतपूर्व मानवीय संकट पैदा हुआ है। एक महीने से जारी लड़ाई को लेकर भारत में इस्राइली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, इस्राइल समर्थन के लिए भारत का आभारी है। हमास के नष्ट होने तक IDF मिशन जारी रहेगा।
युद्धविराम पर सहमति और हमास के कब्जे में फंसे बंधकों की रिहाई को लेकर इस्राइली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, इस्राइली सरकार की कैबिनेट बैठक में इस्राइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के लिए दो लक्ष्य तय किए गए। पहला लक्ष्य गाजा में हमास का हुकूमत को जड़ से उखाड़ फेंकना और गाजा पट्टी पर हमास के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूंद करना है।
50 महिलाओं और बच्चों की रिहाई
राजदूत गिलोन के अनुसार, हमास के साथ हिंसक संघर्ष के बीच आईडीएफ का दूसरा लक्ष्य आतंकी संगठन के कब्जे में फंसे बंधकों की सुरक्षित रिहाई कराना है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी एशिया में कई देशों ने युद्धविराम के साथ-साथ बंधकों की रिहाई पर जोर दिया है। कई सरकारों और देशों की मध्यस्थता के बीच हमास ने 50 महिलाओं और बच्चों को रिहा करने की बात कही है।
हमास को नष्ट करेगा इस्राइल
उन्होंने कहा कि मूल रूप से इस्राइली सेना ने जो दबाव बनाया, उसके असर और सैन्य कार्रवाई के प्रभाव के कारण चार दिनों के युद्धविराम की सहमति बनी है। राजदूत गिलोन के मुताबिक चार दिवसीय युद्धविराम और 50 बंधकों की रिहाई के बाद इस्राइल बाकी बंधकों को मुक्त कराएगा। उन्होंने कहा कि हमास को जड़ से मिटाने का उनका संकल्प और इस्राइल का मिशन खत्म नहीं हुआ है। गाजा में हमास का नियंत्रण पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
आतंकवाद किसी भी स्वरूप में स्वीकार नहीं
गिलोन ने हमास के साथ जारी इस्राइल के हिंसक संघर्ष पर भारत के रूख को लेकर भी टिप्पणी की। दरअसल, पीएम मोदी ने जी20 देशों के वर्चुअल सम्मेलन के दौरान कहा था कि वह बंधकों की रिहाई के फैसले का स्वागत करते हैं।
इस पर राजदूत गिलोन ने कहा, इस लड़ाई के पहले दिन से भारत अपने रूख पर कायम है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सभी मंचों से एक ही बात कही है। भारत ने हर जगह कहा है कि आतंकवाद किसी भी स्वरूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
भारत के समर्थन से संतुष्ट, इस्राइल आभारी रहेगा
इस्राइली राजदूत के अनुसार, आतंकवाद के मुद्दे पर कई देश साफ और कड़े शब्दों में निंदा करने के कतराते हैं। उन्होंने फलस्तीन के सवाल पर कहा कि भारत ‘टू स्टेट सॉल्यूशन’ की बात करता है, जिसमें कोई चौंकाने वाली बात नहीं है, यह रूख भी समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के समर्थन से इस्राइल पूरी तरह संतुष्ट है। गिलोन के अनुसार मजबूती से साथ खड़े रहने और और लगातार समर्थन के लिए इस्राइल भारत का आभारी है।
मुंबई आतंकी हमला और लश्कर पर इस्राइली प्रतिबंध
26 नवंबर को मुंबई आतंकी हमले की 15वीं बरसी पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर इस्राइल प्रतिबंध लगाएगा। इस फैसले पर भारत में इस्राइली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, लश्कर पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया कुछ महीने पहले शुरू हुई थी। उन्होंने बताया, उपराजदूत ने इस बात पर ध्यान दिलाया कि इस्राइल ने लश्कर-ए-तैयबा का वर्गीकरण आतंकी संगठन के रूप में नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पर इस्राइल ने इस संबंध में फैसला लिया और सात अक्तूबर को इस संबंध में औपचारिक एलान किया गया।
लश्कर ए तैयबा और हमास को जोड़कर देखना ठीक नहीं
हमास को आतंकी संगठन बताने को लेकर इस्राइली राजदूत ने कहा कि उनका देश इस बिंदु पर बिल्कुल स्पष्ट रूख रखता है, लेकिन हमास और लश्कर ए तैयबा के बीच कोई लिंक नहीं है। गिलोन ने कहा कि चीजें सही दिशा में जा रही हैं, ऐसे में अलग-अलग चीजों को जोड़ने का कोई मतलब नहीं है। सही फैसले लेने के लिए चीजों को जोड़ना जरूरी नहीं है। इस्राइल ने कार्रवाई करने में कोई गलती नहीं की है।
13 हजार से अधिक लोगों की मौत
बता दें कि इस्राइल और हमास का हिंसक संघर्ष बीते सात अक्तूबर को शुरू हुआ था। इस लड़ाई में अब तक 13 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। हमास के आतंकी हमलों के जवाब में इस्राइली डिफेंस फोर्स गाजा के आतंकी ठिकानों पर लगातार हमले कर रही है। हमास के कब्जे वाले गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि अब तक 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी तरफ इस्राइली पक्ष में 1200 लोगों की मौत हुई है।
अन्तर्राष्ट्रीय
नाइजीरिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लोगों ने लगाए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार सुबह नाइजीरिया पहुंचे। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अबुजा हवाई अड्डे पर बड़ी तादाद में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। लोगों ने इस मौके पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारा लगाए।
बता दें कि 17 सालों में इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। पीएम मोदी के अबुजा पहुंचने पर संघीय राजधानी क्षेत्र के मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से अबुजा के शहर की चाभी भेंट की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति टीनूबू के उस पोस्ट का जवाब दिया जिसमें लिखा था, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाइजीरिया की पहली यात्रा पर उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं, जो 2007 के बाद से किसी भारतीय प्रधान मंत्री की हमारे प्रिय देश की पहली यात्रा भी है। हमारी द्विपक्षीय चर्चाओं में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पीएम मोदी नाइजीरिया में आपका स्वागत है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनूबू। कुछ समय पहले नाइजीरिया में लैंड किया। गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभारी हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करेगी।’
रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार करना चाहता है नाइजीरिया
पीएम मोदी के इस यात्रा के दौरान के भारत और नाइजीरिया के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। रक्षा क्षेत्र को लेकर भी दोनों देशों के बीच विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। नाइजीरिया छोटे हथियारों, गोला-बारूद और बख्तरबंद वाहनों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए भारत की तरफ काफी उत्सुक है।
आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे संपन्न अफ्रीकी देशों में से एक नाइजीरिया और भारत के मधुर रिश्तों में आने वाले दिनों में गर्माहट और तेज होने के आसार है। खासतौर पर दोनों देशों के बीच आर्थिक व सैन्य सहयोग के नए युग की शुरुआत होने के संकेत है।
इन देशों की यात्रा पर रहेंगे पीएम मोदी
बता दें कि पीएम मोदी की पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र की यह पहली यात्रा है। इसके अलावा वह ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर रहेंगे। नाइजीरिया के बाद प्रधानमंत्री ब्राजील के लिए रवाना होंगे। दरअसल, पीएम मोदी ब्राजील में ट्रोइका सदस्य के तौर पर 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। फिर पीएम मोदी 18 और 19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भाग लेंगे। बताते चलें कि ब्राजील और दक्षित अफ्रीका के साथ भारत भी जी20 ट्रोइका का हिस्सा है।
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