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उत्तर प्रदेश

हरदोई: इस कुएं का पानी पीने से दूर होती है रैबीज बीमारी, हजारों ने उठाया है लाभ

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हरदोई। उप्र के हरदोई जनपद में लोगों की आस्था से जुड़े तमाम ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जिनका इतिहास बेहद चौकाने वाला है। उन्ही में नस्योली डांमर नाम के स्थान पर लोग दर्शन करने नहीं बल्कि एक ऐसी मर्ज का इलाज करवाने आते हैं, जिसका निदान मेडिकल साइंस के पास भी नहीं है।

कहते है कि रैबीज यानी विशेखा नाम की बीमारी कुत्ते या अन्य किसी जानवर के काटने से होती है। दावा है आश्रम में मौजूद कुएं का पानी पीने से इस बीमारी से लोगों को मुक्ति मिल जाती है। यहां मौजूद संतों ने जानकारी दी कि अब तक यहां इस बीमारी से पीड़ित हजारों लोगों का इलाज किया जा चुका है।

हरदोई जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर मौजूद नस्योली डांबर नाम के स्थान पर महुआपुर गढ़ी आश्रम है। कहा जाता है कि आज से लगभग चार सौ वर्ष पूर्व इस स्थान पर एक गुमनाम बाबा आए थे। आज भी उस बाबा का नाम कोई नहीं जानता।

कहते हैं कि उस बाबा को कुत्ते ने काट लिया था और उनको विशेखा यानी रैबीज नाम की बीमारी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने यहां एक कुएं को देख उसमें से पानी निकाला और उसे मंत्रोच्चारण कर पी लिया, जिसके बाद वह ठीक हो गए।

बीमारी ठीक होने के बाद उन्होंने यहीं अपना डेरा डाल लिया और उनके शिष्य भी यहीं रहने लगे। उस पढ़े गए मंत्र को उन्होंने अपने शिष्य को बताया और लोगों के उत्थान के लिए यहां रहकर सेवा देने की बात कही, जिसके बाद उन महात्मा ने इसी स्थान पर समाधि ले ली। आज भी उनका समाधि स्थल यहां मौजूद है और उनके आशीर्वाद से यहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

यहां जिस कुएं से पानी पिलाया जाता है, उसकी भी एक प्रक्रिया है। हफ्ते में तीन दिन शनिवार, रविवार और मंगलवार के दिन ही यहां पानी पिलाया जाता है, जिसके लिए संबंधित संत कुएं के पानी को एक हाथ के इस्तेमाल से निकलते हैं। इसके बाद मंत्र उच्चारण कर उसे मरीज को पिलाया जाता है।

अपनी बीमारी का इलाज कराने आए सरोज कुमार ने बताया कि उन्हें कुत्ते ने काट लिया था, जिसके इलाज के लिए वह महुआपुर गढ़ी आश्रम आए हैं। उन्हें पानी पीने से डर लगता था। उनके पेट में जलन की समस्या भी थी, लेकिन आश्रम के कुए का पानी पीते ही उनकी बीमारी ठीक हो गई अब वह आराम से पानी पी सकते हैं। सरोज कुमार ने कहा कि तीन दिनों में ही उनके इस मर्ज का निदान हो गया। इससे वह काफी खुश है।

यहां मौजूद दो वृद्ध संत चंद्रमादास और श्यामदास ने इस स्थल की विधिवत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यहां कुत्ते के काटने से होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या से निजात दिलाया जा सकता है। ये सब उन महात्मा के वरदान और ईश्वर की इच्छा का ही फल है।

संतों ने बताया अब तक हजारों लोगों को इस ऐतिहासिक कुएं के पानी से ठीक किया जा चुका है। इतना ही नहीं कुछ एक डॉक्टर भी यहां कुत्ता काटे के बाद पानी पीने आ चुके हैं।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद

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महाकुम्भ नगर  से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।

आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल

संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।

महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी

यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।

डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ

इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।

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