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प्रादेशिक

सीएम नायब सिंह सैनी ने जटायु संरक्षण व प्रजनन केंद्र का किया दौरा, 25 गिद्धों को खुले आसमान में छोड़ा

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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिंजौर स्थित जटायु संरक्षण व प्रजनन केंद्र (जेसीबीसी) का दौरा किया। वर्ष 2020 के बाद इस बार सीएम ने 25 गिद्धों को खुले आसमान में छोड़ा।

यह कदम गिद्धों की लुप्त होती प्रजाति को बचाने और उनकी संख्या बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है। 2001 से इस केन्द्र में गिद्धों के प्रजनन की प्रक्रिया शुरू की गई थी और अब तक गिद्धों की संख्या बढ़कर 380 हो चुकी है। गिद्धों की प्रजनन दर धीमी है, लेकिन अब इनकी सुरक्षा के लिए डाईक्लोफिनेक इंजेक्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस दौरान पर्यावरण, वन तथा वन्य जीव मंत्री राव नरबीर और कालका की विधायक शक्ति रानी शर्मा भी मौजूद थी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गिद्ध वापसी कार्यक्रम सराहनीय प्रयास है. गिद्ध प्रकृति को स्वच्छ बनाने में काफी काम करते हैं. पहले गांव में एक स्थान होता था, जहां पशुओं को मौत के बाद छोड़ दिया जाता था. गिद्ध उसे साफ कर पर्यावरण को शुद्ध कर रोगों से हमारी रक्षा करते थे. बीच में इसके अस्तित्व पर संकट आ गया था। उन्होंने आगे कहा कि जटायु हमारी संस्कृति का जाना-माना नाम भी है। रामायण के अंदर बताया गया है कि सीताहरण के समय रावण के साथ युद्ध करने में भी जटायु की भूमिका रही है। इसके भाई संपाति(सम्पाती) ने माता सीता का पता लगाने में भी भगवान राम का सहयोग किया था।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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