नेशनल
हाशिम बाबा गैंग का शूटर सोनू मटका एनकाउंटर में ढेर
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ की ज्वाइंट ऑपरेशन में एनकाउंटर के दौरान कुख्यात सोनू मटका की गोली लगने से मौत हो गई। सोनू मटका हाशिम बाबा गैंग का शूटर था और दिवाली की रात चाचा भतीजे की भी उसने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सोनू मटका के मेरठ में होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद शनिवार की तड़के दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम में घेराबंदी की थी और दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हुई। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपीएसटीएफ ने मेरठ में गैंगस्टर सोनू उर्फ मटका का एनकाउंटर कर उसे ढेर कर दिया है।
एनकाउंटर में गैंगस्टर सोनू मटका की मौत
सोनू मटका ने दिवाली वाले दिन शाहदरा इलाके में चाचा भतीजा को गोली मारी थी। इस वारदात के बाद बदमाश सोनू फरार चल रहा था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपीएसटीएफ को यह जानकारी मिली कि सोनू मटका मेरठ आने वाला है। इसके बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए यूपी एसटीएफ और स्पेशल सेल ने एक जॉइंट ऑपरेशन करते हुए ट्रैप लगाया और जैसे ही सोनू मटका को आते देखा तो उसे रोकने की कोशिश की लेकिन सोनू भागने लगा और पुलिस टीम पर गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस की टीम की तरफ से भी गोली चलाई गई जिसमें सोनू मटका की मौके पर ही मौत हो गई।
सोनू मटका की क्राइम कुंडली
सोनू उर्फ मटका हाशिम बाबा गैंग का शूटर था और उसके ऊपर एक दर्जन के करीब हत्या और डकैती के मुकदमे दिल्ली और यूपी में दर्ज थे। गैंगस्टर सोनू उर्फ मटका के ऊपर पुलिस ने ₹50000 का इनाम भी रखा हुआ था। फरार सोनू मटका की कब से तलाश चल रही थी।
सोनू मटका के पास से बरामद चीजें
1-1 pistol 30 bore
2-1 pistol 32 bore
3- 10 live cartridges
4- bike hero Honda spelndour
नेशनल
भारत मंडपम में फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम का किया गया आयोजन, बाजरे पर रहा जोर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत दिल्ली के भारत मंडपम में फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की मदद से एसआरएस फाउंडेशन ने सोमवार (16 दिसंबर) को इस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, सांसद बांसुरी स्वराज, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित कई नेता पहुंचे।
फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कॉन्क्लेव में भारतीय संस्कृति, खान-पान और टिकाऊ प्रथाओं का अनोखा सामंजस्य देखने को मिला। इस कार्यक्रम के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में बनने वाले व्यंजनों के बारे में सभी को जानने को मिला। इसके साथ ही स्थानीय चीजों को बड़ा मंच मिला, जिससे उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी।
बाजरे पर जोर
इस कार्यक्रम में बाजरे पर काफी चर्चा हुई। पौष्टिक और पर्यावरण के मुताबिक खाद्य विकल्प के रूप में बाजरे पर जोर दिया गया। बाजरे से मिलने वाले फायदों के बारे में बताते हुए इसे मुख्य खाद्य पदार्थ के रूप में दैनिक आहार और ग्लोबल मार्केट्स में फिर से शामिल करने की बात कही गई। रणवीर बरार और हरपाल एस. सोखी सहित प्रसिद्ध शेफ ने क्षेत्रीय भारतीय व्यंजनों पर आधारित नए व्यंजन पेश किए, जिनमें पारंपरिक तरीके और नई तकनीक का मेल था। इस प्रोग्राम में पारंपरिक शिल्पों की प्रदर्शनी भी हुई, जिससे कारीगरों, सांस्कृतिक व्यवसायियों और खाद्य उद्योग के बीच संबंधों को बढ़ावा मिला।
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