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उत्तर प्रदेश

युवक की हत्या से जल उठा हस्तिनापुर, आरोपियों के घर में आगजनी व पथराव

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Hastinapur burnt due to the murder of the youth

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मेरठ। उप्र के मेरठ के हस्तिनापुर में रविवार शाम युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया गया कि शाम करीब 5:30 बजे गांव में मौजूद प्राइमरी विद्यालय की दीवार पर युवक बैठा हुआ था। दो बाइक सवारों ने पीछे से आकर युवक पर एक के बाद एक कई फायर झोंक दिए, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। सरेशाम गोली चलने की घटना से गांव में हड़कंप मच गया।

परिजन तुरंत घायल को मवाना सीएचसी लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव गांव में पहुंचा तो लोगों का गुस्सा भड़क उठा। आक्रोशित भीड़ ने आरोपियों के घर में आगजनी व पथराव कर दिया। आरोपियों के खेतों में भी आग लगा दी गई।

सूचना पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और गुस्साए लोगों को शांत कराया। बताया गया कि आगजनी में घर में खड़े ट्रैक्टर भी जला दिए गए, वहीं घर का अन्य सामान भी जलकर राख हो गया है। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद मृतक विशू का शव जैसे ही गांव में पहुंचा तो आक्रोशित भीड़ ने संप्रदाय विशेष लोगों के कई घरों में पथराव और आगजनी कर दी। आग ने भीषण रूप धारण कर लिया, जिसमें काफी नुकसान हुआ है।

मौके पर पहुंचे एसपी देहात कमलेश बहादुर ने भारी फोर्स को क्षेत्र में तैनात कर दिया है और खुद भी मौके पर डटे हुए हैं। वहीं आगजनी होते देख दमकल की गाड़ी को मौके पर बुलाया गया, जिसने आग पर काबू पाया। उधर, गांव में भारी पुलिस बल तैनात है, क्षेत्र में कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं।

मृतक युवक विशु के परिजनों ने बताया कि विशु दीवार पर बैठा था। दो अज्ञात बाइक सवार शुक्रवार को कई घंटों से विशु की रेकी कर रहे थे, लेकिन विशु को इस बात की जानकारी नहीं थी। बाइक सवार युवकों ने पीछे से आकर विशु पर एक के बाद पांच फायर झोंक दिए।

वह गंभीर रूप से घायल होकर दीवार से नीचे गिर पड़ा। गांव में दिनदहाड़े गोली चलने की घटना से गांव में सनसनी फैल गई। तुरंत मामले की सूचना थाना पुलिस को दी गई। उधर, गंभीर रूप से घायल विशु को साथियों की मदद से मवाना सीएचसी लाया, गया जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इकलौते बेटे की हत्या के बाद परिजन और सैकड़ों ग्रामीण मवाना सीएचसी पर पहुंच गए और आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जमकर हंगामा करने लगे। उधर मवाना और हस्तिनापुर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और परिजनों को काफी देर समझाने बुझाने की कोशिश की, लेकिन सभी कोशिशें नाकाम हो गईं।

उसके बाद पीड़ित परिवार के लोगों ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मवाना तहसील तिराहे पर शव को रखकर जाम लगा दिया और उच्च अधिकारियों के मौके पर आने की बात पर अड़े रहे। काफी गहमागहमी के बाद लोगों ने कई घंटे बाद जाम खोला।

संप्रदाय विशेष के लोगों पर हत्या का आरोप

मामला संप्रदाय विशेष से जुड़ा होने के कारण भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में ही संप्रदाय विशेष के लोगों से उनका लंबे समय से विवाद चल रहा है, जिसके चलते पलडा गांव में होली पर भी झगड़ा हुआ था। इसमें कई लोग घायल हुए और उसके बाद करीब एक सप्ताह पूर्व भी संप्रदाय विशेष के लोगों के साथ झगड़ा हुआ था। उसमें भी आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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