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दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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