Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

HDFC BANK व 100एक्स. वीसी में MoU पर किए हस्ताक्षर, स्टार्ट-अप्स को मिलेगी सहायता

Published

on

Loading

लखनऊ। एचडीएफसी बैंक ने आज 100एक्स.वीसी के साथ एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। वीसी- एक प्रमुख अग्रणी प्रारंभिक चरण वेंचर कैपिटल फर्म है जो कि स्टार्ट-अप कम्युनिटी के साथ अधिक निकटता से जुड़ने के लिए कार्यरत है।

बैंक स्टार्ट-अप्स के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई सभी विशेषीकृत सेवाओं और सुविधाओं को प्रदान करेगा और 100. वीसी से जुड़ी सभी फर्मों के लिए बैंक की ये सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह एडीशनल ऋण सुविधाओं का भी विस्तार करेगा और इन स्टार्ट-अप में निवेश के अवसरों का मूल्यांकन करेगा।

इस एमओयू के साथ एचडीएफसी बैंक और 100एक्स. वीसी परस्पर लाभकारी क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। वेंचर कैपिटल फर्म अपनी सभी निवेशित कंपनियों को प्राथमिक बैंक के रूप में एचडीएफसी बैंक की सेवाएं लेने के लिए प्रेरित करेगी। इस तरह के सहयोग के माध्यम से, बैंक इनोवेशन और उद्यमिता का समर्थन करके इकोसिस्टम को बढ़ाने की उम्मीद करता है।

एचडीएफसी बैंक और 100एक्स. वीसी मास्टर क्लास जैसे स्टार्ट-अप के लिए संयुक्त कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे। इसके अतिरिक्त, बैंक निवेश और ऋण देने के लिए 100एक्स. वीसी द्वारा रैफर्ड त स्टार्ट-अप का मूल्यांकन करेगा।

एमओयू पर अभिषेक देशमुख- ब्रांच बैंकिंग हेड- महाराष्ट्र, एचडीएफसी बैंक और यग्नेश संघराजका-संस्थापक और सीएफओ, 100एक्स. वीसी द्वारा संजय मेहता- संस्थापक और भागीदार, 100एक्स. वीसी और निनाद करपे- पार्टनर, 100एकस. वीसी और अन्य वरिष्ठ बैंक अधिकारी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर अभिषेक देशमुख ने कहा कि “भारत दुनिया में सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में से एक है। अकेले 2022 की पहली छमाही में, 15 स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न के रूप में उभरे हैं।

पिछले एक दशक में, हमने वेंचर कैपिटल के रूप में एक अधिक टिकाऊ (सस्टेनेबल) बिजनेस मॉडल के साथ स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की वापसी को देखा है।

100एक्स. वीसी ने 3 साल पहले अपने लॉन्च के बाद से प्रारंभिक चरण के इकोसिस्टम में उल्लेखनीय और परिवर्तनकारी कार्य किया है और हम एचडीएफसी बैंक द्वारा पहचाने गए स्टार्ट-अप्स को उनका बिजनेस बढ़ाने संबंधित सलाह देने में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाने का मौका प्रदान कर रहे हैं।

हमें उम्मीद है कि वे इसका अत्याधिक लाभ उठाएंगे। साथ में, हम भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में योगदान करने के अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाना जारी रखने की उम्मीद करते हैं।”

एचडीएफसी बैंक के साथ इस नई सहभागिता पर प्रतिक्रिया देते हुए यग्नेश संघराजका ने कहा कि “हम बैंक की “स्मार्टअप“ पहल के अनुरूप एचडीएफसी बैंक के साथ नई सहभागिता करने को लेकर अत्याधिक उत्साहित हैं।

इस कार्यक्रम के तहत, हम संयुक्त रूप से उभरते स्टार्ट-अप आइडियाज को प्रोत्साहित करेंगे। इसके साथ ही उन्हें 100एक्स. वीसी फर्स्ट चेक सीड कैपिटल और एचडीएफसी बैंक की बैंकिंग सेवाओं और क्रेडिट तक पहुंच के साथ विकसित करेंगे।

100एक्स. वीसी और एचडीएफसी बैंक ग्रेट आइडियाज के विकास में पूरी तरह से निवेशित हैं। इस कार्यक्रम के तहत प्रदान किए गए परामर्श और संसाधन (मेंटरिंग और रिसोर्सेज) यह सुनिश्चित करेंगे कि आने वाले कल के उद्यमियों को कुछ नया करने और समृद्ध होने की स्वतंत्रता दी जाए।“

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

Continue Reading

Trending