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बिजनेस

एचडीएफसी ने लॉन्च किया स्मार्टहब व्यापार मर्चैंट ऐप, मिलेंगे सभी बिज़नेस सॉल्यूशंस

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एचडीएफसी

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लखनऊ। मर्चैंट एक्वायरिंग बिज़नेस में वर्चस्व और मार्केट लीडरशिप के साथ भारत के प्राईवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक, एचडीएफसी बैंक ने आज स्मार्टहब व्यापार मर्चैंट ऐप के लॉन्च की घोषणा की, जो मर्चैंट्स की दैनिक व्यवसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाईन किया गया विस्तृत भुगतान एवं बैंकिंग समाधान है।

स्मार्टहब व्यापार एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों के लिए तत्काल, डिजिटल और पेपरलेस मर्चैंट ऑनबोर्डिंग संभव बनाता है और मर्चैंट्स को भुगतान के विभिन्न माध्यमों, जैसे कार्ड- टैप एवं पे, यूपीआई और क्यूआर कोड द्वारा इंटरऑपरेबल भुगतान स्वीकार करने में समर्थ बनाता है। इसके द्वारा मर्चैंट दूर से पैसों का भुगतान संभव बनाने के लिए मोबाईल या ईमेल से पेमेंट लिंक भेज सकते हैं और पैसे मंगा सकते हैं।

यूपीआई द्वारा प्राप्त किए गए पैसों को तत्काल बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा सकता है, जिससे मर्चैंट को सेल्स की रसीद तत्काल प्राप्त हो जाए।

विनिमय के मामले में मर्चैंट की चिंता को कम करने के लिए स्मार्टहब व्यापार में एक इनबिल्ट वॉईस फीचर दिया गया है, जो मर्चैंट को सफल विनिमय के बारे में सूचित करता है, और मर्चैंट को किसी अन्य माध्यम द्वारा विनिमय को ट्रैक करने की जरूरत नहीं पड़ती, न ही उसे वॉईस पर आधारित नोटिफिकेशन पाने के लिए एक पृथक डिवाईस की जरूरत पड़ती है।

बैंकिंग के मामले में मर्चैंट फिक्स्ड डिपॉज़िट खुलवाने, पूर्व स्वीकृत लोन और क्रेडिट कार्ड जैसी अनेक बैंकिंग सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। मर्चैंट्स को अपने बैंक खाते में डाले गए स्मार्ट हब व्यापार विनिमयों का रियल टाईम व्यू भी मिल सकता है।

मर्चैंट्स को अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद करने के लिए स्मार्टहब व्यापार में एक मार्केटिंग टूल भी दिया गया है, जिसके द्वारा मर्चैंट मौजूदा एवं संभावित ग्राहकों को अपने ऑफर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित कर सकते हैं।

भुगतान स्वीकार करने के अलावा, स्मार्ट हब व्यापार मर्चैंट्स को अपने वितरकों एवं वेंडर्स को भुगतान करने में भी समर्थ बनाता है। व्यवसायिक खर्चों, जैसे यूटिलिटी बिल और जीएसटी का भुगतान भी स्मार्ट हब व्यापार ऐप द्वारा किया जा सकता है।

स्मार्टहब व्यापार प्लेटफॉर्म को बाजार का गहन सर्वे करने के बाद विकसित किया गया, जिसमें सामने आया कि मर्चैंट एक विस्तृत भुगतान एवं बैंकिंग समाधान चाहते हैं, जो उनके व्यवसाय की वृद्धि संभव बनाए।

स्मार्टहब व्यापार ऐप बिज़नेस ऑपरेशंस की एफिशियंसी बढ़ा रहा है और मर्चैंट्स को बैंक की लेंडिंग, बैंकिंग एवं वैल्यू एडेड सेवाओं तथा पेमेंट एवं रिकॉन्सिलेशन फीचर्स की पूरी शक्ति का उपयोग कर अपने व्यवसाय की वृद्धि करने में मदद कर रहा है। मर्चैंट्स को बैंक के इवा चैटबॉट और फोन बैंकिंग तथा बैंक की रिलेशनशिप मैनेजमेंट टीम द्वारा 24/7 सपोर्ट प्राप्त होती है।

स्मार्टहब व्यापार की प्लेस्टोर रेटिंग 4.9 और आईओएस रेटिंग 4.6 है। इस ऐप से हर माह 75,000 से ज्यादा एक्टिव मर्चैंट जुड़ रहे हैं और यह इस माह 1 मिलियन से ज्यादा मर्चैंट प्वाईंट पर उपलब्ध होगा। स्मार्टहब व्यापार इस वित्तवर्ष के अंत तक 7 मिलियन मर्चैंट एक्सेप्टैंस प्वाईंट्स संभव बनाने की ओर बैंक की मुख्य प्रस्तुति होगी।

स्मार्टहब व्यापार ऐप एचडीएफसी बैंक द्वारा मिंटोक इनोवेशंस इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के साथ गठबंधन में विकसित किया गया है, जो बैंकों को अपने मर्चैंट्स के साथ जुड़ने में मदद करने के लिए एक मॉड्युलर प्रोडक्ट प्रस्तुति के साथ एक मर्चैंट सास प्लेटफॉर्म है।

इस मर्चैंट ऐप का प्रदर्शन मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में पराग राव, ग्रुप हेड, पेमेंट्स बिज़नेस, डिजिटल एवं आईटी; अरविंद वोहरा, ग्रुप हेड, ब्रांच बैंकिंग; श्री अंजनी राठौर, चीफ डिजिटल ऑफिसर, एचडीएफसी बैंक और रमेश लक्ष्मीनारायणन, चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफिसर, एचडीएफसी बैंक द्वारा किया गया। इसका अनावरण लखनऊ में स्थानीय व्यापारियों के लिए अखिलेश कुमार रॉय, शाखा बैंकिंग प्रमुख, एचडीएफसी बैंक द्वारा किया गया।

पराग राव, कंट्री हेड-पेमेंट्स, कंज़्यूमर फाईनेंस, टेक्नॉलॉजी एवं डिजिटल मार्केटिंग ने कहा, ‘‘एचडीएफसी बैंक लार्ज फॉर्मेट चेंस से लेकर स्थानीय किराना स्टोर्स तक सभी मर्चैंट्स की वृद्धि में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में एमएसएमई सेक्टर सर्वाधिक रोजगार का सृजन करता है और इस सेक्टर को सशक्त बनाकर हम समाज के एक बड़े वर्ग को सशक्त बनाने में मदद कर सकते हैं। हमने नया स्मार्टहब व्यापार ऐप तैयार किया है, जो मर्चैंट की हर जरूरत को पूरा करेगा और उनके बैंकिंग एवं बिज़नेस के परिवेश में एफिशियंसी लेकर आएगा।

हमारा उद्देश्य मर्चैंट्स के दैनिक व्यवसाय में आने वाली समस्याओं और मुश्किलों को हल करना और उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने, भारत में हमारी पहुँच का विस्तार करने और ट्रेड हब्स के साथ कनेक्ट होने में मदद करना है। यह ऐप भुगतान, लेंडिंग और व्यवसायिक समाधानों का विस्तृत संग्रह एक ही मंच पर लेकर आएगा।’’

एचडीएफसी बैंक भारत का नं. 1 मर्चैंट एक्वायरिंग बैंक है। इस बैंक के पास भारत में कार्ड्स एक्वायरिंग वॉल्यूम में 52 प्रतिशत का बाजार अंश और कुल इंस्टॉल्ड टर्मिनल्स में 20 प्रतिशत का बाजार अंश है।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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