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खेल-कूद

जंतर मंतर बना अखाड़ा, पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई तीखी झड़प

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High voltage drama on Jantar Mantar

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नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच बीती रात झड़प हो गई। दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। इस बीच पहलवानों ने आरोप लगाए कि पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की है। बृहस्पतिवार सुबह भी इस मामले को लेकर जंतर-मंतर पर तनाव बना हुआ है।

जानें पूरा घटनाक्रम

  1. जंतर-मंतर पर बुधवार देर रात 10.40 बजे दिल्ली सरकार के मंत्री सोमनाथ भारती बिना अनुमति के बिस्तर लेकर पहुंच गए। पुलिस के जवानों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तब फोल्डिंग उतारने के दौरान चोट लगने से कुछ समर्थकों को चोट लग गई।
  2. इसके बाद पहलवानों ने हंगामा शुरू कर दिया। पहलवानों ने एक पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल कर आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के कुछ जवानों ने नशे की हालत में धरनास्थल पर पहुंचकर महिला पहलवानों पर अभद्र टिप्पणी की। विनेश फोगाट को गाली दी।
  3. घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जंतर-मंतर पर पहुंच गए जिसके बाद मामला शांत करा दिया गया। 35 सेकंड के वायरल वीडियो में एक पुलिसकर्मी जमीन पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। वह हाथ जोड़े हुए है।
  4. उसके पीछे से पहलवान बोलते हुए सुनाई दे रहा की पुलिसकर्मी ने शराब पी हुई है। कुछ लोग यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज की है। वीडियो में कुछ लोग जमीन पर बैठे हुए पुलिसकर्मी का मेडिकल कराने की बात भी बोल रहे हैं।
  5. इस पूरे प्रकरण पर डीसीपी नई दिल्ली जिला प्रणव तायल का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने किसी भी पहलवान के साथ न तो मारपीट की और न ही किसी के साथ अभद्र व्यवहार किया।
  6. दरअसल सोमनाथ भारती बिना अनुमति के जंतर मंतर पर बिस्तर लेकर धरना देने पहुंचे थे इसलिए पुलिसकर्मियों ने जब उन्हें रोक दिया और बिस्तर उतारने से मना किया तब उनके समर्थकों और पहलवानों की पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई।
  7. पहलवानों ने पुलिसकर्मियों पर पिटाई करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। एक पुलिसकर्मी को नशे में खड़े देख कर उन्हे पकड़ कर बैठा लिया गया और वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
  8. उस पुलिसकर्मी ने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की बल्कि पहलवानों ने ही उनकी पिटाई कर दी। आरोप लगने पर उस पुलिसकर्मी का मेडिकल कराया गया।

जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए महिला पहलवानों के चल रहे प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों द्वारा रात बिताने और खाने के लिए होटल का उपयोग करने पर विवाद हो रहा है।

इंटरनेट मीडिया पर लोग पहलवानों के प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जब धरना किया जा रहा है तो फिर होटल का उपयोग क्यों कर रहे हैं। हालांकि इंटरनेट मीडिया पर विवाद बढ़ने के बाद पहलवानों ने होटल छोड़ दिया है। पहलवानों ने तर्क दिया है कि प्रदर्शनस्थल पर महिला पहलवानों के लिए सार्वजनिक सुविधाओं के अभाव में होटल लिया गया था।

खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, अरेस्ट वारंट जारी

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नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को PF में धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी ने कर्मचारियों के खातों से प्रोविडेंट फंड यानी PF का पैसा तो काट लिया लेकिन उसे जमा नहीं किया। जिसके कारण से लगभग 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है। इसी वजह से 4 दिसंबर को उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। उन्हें पूरे पैसे जमा करने के लिए 27 दिसंबर तक का समय भी दिया गया। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। अब इससे पहले ही उथप्पा की तरफ से बयान सामने आया है।

रॉबिन उथप्पा ने कंपनियों को उधार दिए थे पैसे

रॉबिन उथप्पा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे खिलाफ PF मामले की हाल की खबरों सामने आने के बाद, मैं स्ट्रॉबरी लेंसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के बारे में अपनी भागीदारी के बारे में बताना चाहता हूं। मुझे 2018-19 में इन कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। क्योंकि कर्ज के तौर पर मैंने इन कंपनियों को पैसे दिए थे। मेरे पास सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटर और कमेंटेटर के रूप में काम को देखते हुए मेरे पास इसमें भाग लेने के लिए समय नहीं था। आज तक जिन अन्य कंपनियों को मैंने कर्ज दिया है। उनमें भी कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं।

 

 

 

 

 

 

 

 

ऊपर से ये कंपनिया मेरे द्वारा दिए गए उधार को चुकाने में असफल रही हैं। जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी। कई साल पहले मैंने डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जब PF अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग की, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया और बताया कि इसमें मेरी कोई भी भूमिका नहीं है। इसके बाद कार्यवाही जारी है। मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामलों को सुलझाने के लिए कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वे कृपया पूरे तथ्य पेश करें।

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