Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

अयोध्या नगरी में गूंजेगी हिना और अरमान की बांसुरी, बनाई है विश्व की सबसे लंबी बांसुरी

Published

on

21.6 feet long flute will echo in Ayodhya city

Loading

अयोध्या। श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अपने-अपने जिले की प्रसिद्ध वस्तुओं को अयोध्या भेजा जा रहा है। इसी क्रम में पीलीभीत से 21.6 फुट लंबी बांसुरी को अयोध्या भेजा जाएगा। बांसुरी को वहां के संग्रहालय में रखा जाएगा। बांसुरी शहर के मशहूर कारीगर मरहूम नवाब अहमद की पत्नी हिना परवीन, उनके पुत्र अरमान नबी व उनके चाचा शमशाद ने साथियों के साथ तैयार किया है। उन्होंने बताया कि यह बांस वर्षों से किसी ऐतिहासिक क्षण के लिए रखा हुआ था।

शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रज प्रांत के प्रचारक हरीश रौतेला ने इस बांसुरी का पूजन किया। 26 जनवरी को यह बांसुरी अयोध्या धाम भेजी जाएगी। जहां इसे संग्रहालय में रखा जाएगा।

विश्व की सबसे लंबी बांसुरी

शहर के लाल रोड निवासी अरमान ने बताया कि 2021 में उन्होंने 16 फुट लंबी बांसुरी बनाई थी। यह बांसुरी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। यह उस वक्त की सबसे लंबी बांसुरी थी। अब 21.6 फुट की बनाई है, जो विश्व की सबसे लंबी बांसुरी होगी।

अयोध्या नगरी में गूंजेगी हिना बी और अरमान की बांसुरी

मुस्लिम परिवार की तरफ से बनाई गई बांसुरी कुछ अलग ही है। अरमान बताते हैं कि बांसुरी बनाना उनका खानदानी काम है। असम के जिस बांस से यह बांसुरी बनाई गई है वह करीब 20 साल पहले से रखा हुआ था। इस बांस को किसी विशेष प्रयोजन के लिए रखा गया था। 2021 में जब सबसे लंबी बांसुरी बनाई थी तब इसका प्रयोग करने जा रहे थे, लेकिन दूसरा बांस मिल गया तो इसे वापस उठाकर रख दिया था।

सोचा नहीं था कि भगवान श्रीराम की नगरी के लिए इस बांस का प्रयोग होगा। बांस की खासियत यह है कि इसका व्यास यानी गोलाई 3.5 इंच है। इतनी गोलाई के बांस अब नहीं आते। बांसुरी बनाने में दस दिन लग गए। बांसुरी की खासियत यह है कि दोनों तरफ से यह बज सकती है।

दोनों तरफ से यह बज सकती है बांसुरी

दोनों तरफ से सातों सुर इसमें डाले गए हैं। बनाने में करीब 70-80 हजार रुपये का खर्च आया। हैंड वर्क किया गया है। सोशल मीडिया पर हिना व उनके बेटे अरमान द्वार तैयार की गई बांसुरी काफी तेजी से वायरल हो रही है। इस बांसुरी को ट्रक से अयोध्या भेजा जाएगा।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

Continue Reading

Trending