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आध्यात्म

किरकिरी कराने के बाद BHU ने वापस लिया आदेश, परिसर में खेली जाएगी होली

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Holi will be played in the campus of BHU

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) परिसर में सार्वजनिक स्थानों पर होली नहीं खेलने देने का फरमान सुनाकर बीएचयू प्रशासन ने अपनी काफी किरकिरी कराई। 72 घंटों के भीतर ही बीएचयू प्रशासन को यह आदेश वापस लेना पड़ा। 28 फरवरी के मुख्य आरक्षी अधिकारी के आदेश को निरस्त करते हुए प्रशासन ने कहा कि सौहार्दपूर्ण माहौल में छात्र होली खेल सकते हैं।

दरअसल सार्वजनिक स्थानों पर होली नहीं खेलने देने के आदेश को छात्रों ने सोशल मीडिया पर इफ्तार से जोड़ते हुए हिंदू धार्मिक मान्यताओं को खत्म करने का आरोप लगाया था। हालांकि यह आदेश अभी महज कागजों तक सीमित है। शनिवार को भी अधिकारी छात्रों को बीएचयू परिसर में होली की धुन पर नाचने गाने और होली खेलने से रोकते दिखे।

चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह ने एक आदेश जारी करके बीएचयू परिसर के सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलने की खेलने पर रोक लगा दिया था। छात्रों ने इसे तुगलकी फरमान बताया और सोशल मीडिया पर इसे एकता और ताजिया के जुलूस से जोड़ दिया।

छात्रों का कहना था कि अगर परिषद में ताजिया का जुलूस निकल सकता है, खुद इफ्तार की पार्टी दे सकते हैं तो होली खेलने पर प्रतिबंध लगाकर हिंदू धार्मिक मान्यताओं की अवहेलना क्यों कर रहे हैं जिसके बाद चैप्टर के आदेश को आज विवि प्रशासन ने निरस्त कर दिया।

स्‍टूडेंट ने वीसी पर निशाना साधा

जैसे ही विवि प्रशासन ने अपने पुराने आदेश को निरस्त कर होली खेलने की इजाजत दी, छात्रों का एक गुट डीजे की धुन पर नाचते गाते सड़कों पर निकला लेकिन प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने एक बार फिर से से छात्रों को होली खेलने से रोक दिया।

बीएचयू के शोध छात्र पतंजलि पांडे ने कहा है की वीसी सुधीर जैन जब से आए हैं तब से लगातार हिंदू धार्मिक त्यौहार को निशाना बनाया जा रह है। वीसी खुद इफ्तार की दावत देते है परिसर में धड़ल्ले से ताजिया को रास्ता दिया जाता है लेकिन होली खेलने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।

कागजी और जमीनी हकीकत में अंतर

सोशल मीडिया पर हो रही किरकिरी के बाद विवि प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर होली नहीं खेलने के आदेश को निरस्त तो कर दिया लेकिन वास्तविकता यह है कि अब भी परिसर में हो रहे होली के आयोजनों को सख्ती से दबाया जा रहा है।

ताजा मामला कॉमर्स फैकल्टी के बाहर छात्रों को रोकने का है। दूसरी ओर बीती शाम लॉ फैकेल्टी के भी छात्रों को धमका कर उनके नाम प्रोक्टोरियल बोर्ड ने दर्ज किए है और अनुशासनात्‍मक कार्रवाई की धमकी दी है।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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