उत्तर प्रदेश
ज्योति मौर्या केस में विवादों में आए होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे निलंबित, लगे थे गंभीर आरोप
लखनऊ। उप्र होमगार्ड में कमांडेंट मनीष दुबे को शासन ने निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ एसडीएम ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या ने तमाम सनसनीखेज आरोप लगाए थे। होमगार्ड मुख्यालय के आदेश पर डीआईजी होमगार्ड प्रयागराज रेंज ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद डीजी होमगार्ड ने शासन से मनीष दुबे को निलंबित करने की संस्तुति की थी।
बीते सप्ताह होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने भी मनीष दुबे को निलंबित करने का आदेश दिया था। निलंबित होने के बाद जल्द उनको आरोप पत्र सौंपा जाएगा। डीजी होमगार्ड बीके मौर्या ने बताया कि मनीष दुबे को विभाग की छवि धूमिल करने, मनमानी करने, अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है।
बता दें कि बीते जुलाई माह में आलोक दुबे द्वारा अपनी पीसीएस पत्नी ज्योति दुबे और गाजियाबाद के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। तत्पश्चात डीजी होमगार्ड के निर्देश पर डीआईजी ने जांच की थी, जिसमें मनीष दुबे पर लगे आरोप सही पाते हुए उनको निलंबित कर विभागीय जांच शुरू करने और मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की गयी थी।
इसे डीजी होमगार्ड ने अपनी संस्तुति के साथ शासन भेज दिया था। वहीं मनीष दुबे का तबादला गाजियाबाद से महोबा कर दिया गया था। शासन में बीते चार महीने से विभागीय जांच जारी रहने और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में देरी पर होमगार्ड मंत्री ने मनीष दुबे को निलंबित करने का आदेश दिया। जिसके बाद आनन-फानन में निलंबन आदेश जारी कर दिया गया। अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
SDM के पति ने लगाए थे आरोप
बता दें कि बरेली में चीनी मिल में तैनात PCS अधिकारी ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी का गाजियाबाद के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ करीबी रिश्ते हैं। दोनों उसकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। उसने अपनी शिकायत के साथ कई कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैट भी मुहैया करायी थी।
साथ ही, मनीष दुबे के पूर्व में कई महिलाओं के साथ संबंध होने के प्रमाण भी दिए थे। हालांकि बाद में आलोक दुबे ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी, जिसके बाद शासन ने ज्योति मौर्या के खिलाफ चल रही जांच को समाप्त कर दिया था।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का गठन, पूर्व विधायक बैजनाथ रावत बने अध्यक्ष
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (SC-ST) आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग का अध्यक्ष पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को बनाया गया है जबकि बेचन राम और जीत सिंह खरवार को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में 16 सदस्य भी बनाए गए हैं। राज्यपाल की एक्सेप्टेन्स के बाद आयोग के नए सदस्यों की लिस्ट जारी कर दी गई है। बैजनाथ रावत बाराबंकी के रहने वाले हैं जबकि उपाध्यक्ष बेचन राम पूर्व विधायक हैं और गोरखपुर के रहने वाले हैं।
एससी-एसटी आयोग के सदस्यों के नाम
हरेन्द्र जाटव- मेरठ
महिपाल वाल्मीकि- सहारनपुर
संजय सिंह-बरेली
दिनेश भारत- आगरा
शिव नारायण सोनकर-हमीरपुर
नीरज गौतम-औरेया
रमेश कुमार तूफानी-लखनऊ
नरेन्द्र सिंह खजूरी-मेरठ
तीजाराम- आजमगढ़
विनय राम- मऊ
अनिता गौतम- गोंडा
रमेश चन्द्र- कानपुर
मिठाई लाल- भदोही
उमेश कठेरिया-बरेली
जितेन्द्र कुमार-कौशाम्बी
अनिता कमल-अम्बेडकरनगर
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