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I.N.D.I. गठबंधन के नेता जंतर-मंतर पर कर रहे विरोध प्रदर्शन, हंगामे को लेकर उपराष्ट्रपति ने जताया दु:ख
नई दिल्ली। भाजपा सरकार को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए बने 27 दलों के भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) के नेता आज शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है। गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए गए संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित सांसद आज सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
साथ ही आज कांग्रेस पार्टी की ओर से सभी जिला मुख्यालयों पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का भी कार्यक्रम तय किया गया है। निलंबित सांसदों में शामिल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि I.N.D.I.A ब्लॉक का शुक्रवार का विरोध सभी राज्यों में किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “विरोध करना उचित है और हम सभी दिल्ली में जंतर मंतर पर होंगे। I.N.D.I.A गठबंधन का विरोध कल (शुक्रवार) सुबह सभी राज्यों में होगा, क्योंकि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि क्या वे इस तरह से संसद चलाएंगे और विपक्ष की बात नहीं सुनेंगे तो वे लोकतंत्र को बर्बाद कर देंगे।”
जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन में ये सांसद हुए शामिल
एनडी गुप्ता, संदीप पाठक, संत बलबीर सीसेवाल और संजीव अरोड़ा सहित आम आदमी पार्टी के सांसद आज I.N.D.I.A ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। कुल 146 सांसद- लोकसभा से 100 और राज्यसभा से 46 – वर्तमान में दोनों सदनों में हंगामा करने और कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित हैं, जबकि वे संसद सुरक्षा उल्लंघन के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे थे।
सदन में हंगामे को लेकर उपराष्ट्रपति ने जताया दु:ख
इससे पहले गुरुवार को राज्यसभा के 262वें सत्र के समापन के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि टाले जा सकने वाले व्यवधानों के कारण उच्च सदन के लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गए।
राज्यसभा सभापति ने कहा, “मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि टाले जा सकने वाले व्यवधानों के कारण लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गए, जिससे हमारी कुल उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।”
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सभी को क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मैं आशवस्त हूं कि केवल मैं ही नहीं बल्कि बहुत ऐसे लोग हैं जिन्हें इस बात की उम्मीद है कि 2024 समग्र राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही सदन भी सकारात्मक रोल अदा करता रहेगा।”
इससे पहले गुरुवार को जब लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चल रही थी, तब निलंबित सांसदों ने विपक्षी सांसदों के थोक निलंबन के विरोध में संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। विरोध मार्च में हिस्सा लेते हुए सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास ने कहा, केंद्र को अब यह कहने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए कि भारत एक राजशाही है।
उन्होंने कहा, “हम लोकतंत्र की क्रूर हत्या के खिलाफ विरोध कर रहे हैं; लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। आप केंद्रीय गृह मंत्री को एकतरफा देख सकते हैं। यह विपक्ष-मुक्त संसद है। उन्हें (केंद्र) अब यह कहने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए कि भारत एक राजशाही देश है।
146 सांसदों के निलंबन पर इंडिया ब्लॉक पार्टियों के विरोध पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा हम अब अपनी चिंताओं को उठाने के लिए जनता के पास जा रहे हैं।
सांसदों के सामूहिक निलंबन पर दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने कहा, “जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है वह हमारे देश पर एक धब्बा है। अगर कोई सांसद संसद के बाहर कोई मुद्दा उठाता है, तो ईडी नोटिस देती है। अगर कोई सांसद संसद में कोई मुद्दा उठाता है तो स्पीकर सांसद को सदन से निलंबित कर देता है। सांसदों के सामूहिक निलंबन को लेकर इंडिया ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन से पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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