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भारत का रुख आपके अनुसार नहीं तो, ये आपकी समस्‍या: एस. जयशंकर

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s. jaishankar

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नई दिल्‍ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख की आलोचना करने वालों को खरी-खरी सुनाई है। जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देशों को भारत के इसी रवैये के साथ जीना होगा। विदेश मंत्री आज शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि भारत भी पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान से जुड़े मसलों पर मतभेदों के बावजूद उनके (पश्चिमी देशों) साथ काम करता रहा है। जयशंकर ने कहा,  अब अगर भारत का रुख ‘आपकी उम्‍मीदों से मेल नहीं खाता तो ये आपकी समस्‍या है।’ विदेश मंत्री के अनुसार, यूक्रेन पर भारत ने काफी गंभीर रुख अपनाया है।

उन्‍होंने कहा कि बाली में जी20 देशों के शिखर सम्‍मेलन का नतीजा भी इस मसले पर पीएम नरेंद्र मोदी के जजमेंट को सही साबित करता है। एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि हमारी विदेश नीति दूसरे के अनुसार नहीं चलती। हम वह करते हैं जो भारत के लिए अच्छा है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने पिछले नौ महीनों में अपने हितों का ध्‍यान रखा है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपनी ‘विश्‍वसनीय’ स्थिति के साथ संयम का तरफदार है जो रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्‍त करना चाहता है और बाकी देशों के साथ काम करने में सक्षम है। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा मुद्दा है, जिस पर ऐतिहासिक रूप से पश्चिमी देशों के साथ हमारे मतभेद रहे हैं। मतभेद ऊपर-नीचे हुए हैं, लेकिन अभी तक दूर नहीं हुए हैं।

आतंकवाद पर क्‍यों एक जैसी भाषा नहीं बोलते पश्चिमी देश?

क्‍या भारत की पोजिशन QUAD से अलग है? इस सवाल पर जयशंकर ने कहा कि QUAD देश कभी एक जैसी पोजिशन लेंगे, ऐसा तय नहीं हुआ था। उन्‍होंने कहा कि अगर किसी QUAD सदस्‍य देश को भारत से कोई उम्‍मीदें थीं, तो भारत की भी अपनी उम्‍मीदें थीं।

जयशंकर ने कहा, ‘मेरा एक पड़ोसी है जो दिन-रात आतंकवाद फैलाता है। वे सब मिलकर क्‍यों नहीं वे बातें कहते जो मैं इस मसले पर बोल रहा हूं? आतंकवाद पर यह सामूहिक एकता कहां है, जो असल में काफी पुरानी समस्‍या है।’

जयशंकर ने कहा कि ‘मैं भी पाकिस्‍तान या अफगानिस्‍तान को चुनकर उनसे पूछ सकता हूं कि वे भारत के साथ क्‍यों नहीं खड़े हैं। उनमें से कई (भारत के साथ) नहीं हैं।’ भारत वह करता है जो उसके लिए अच्छा होता है। यही हमारी विदेश नीति है। हम इस आधार पर फैसले नहीं लेते कि दूसरे देश किसे अच्छा और बुरा मानते हैं।

‘संकट आएंगे, हमें तैयार रहना होगा’

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ‘हमने यूक्रेन युद्ध देखा है, हम कई देशों को प्रभावित करने वाली जलवायु घटनाओं को देख रहे हैं। हमें यह मानकर चलना होगा कि कई संकट आएंगे और हमें उसी के अनुसार तैयार रहने की जरूरत है।’

जयशंकर ने भविष्य के सवाल पर कहा कि ‘आगे का आधा दशक काफी तूफानी और चुनौतीपूर्ण लग रहा है। ऐसे में भारत को सही मार्गदर्शन देने वाले नेतृत्व की जरूरत है, जो अर्थव्यवस्था को सही ढंग से चलाकर भारत को आगे बढ़ा सके।’

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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