उत्तर प्रदेश
बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे: सीएम योगी
आगरा| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का सोमवार को अनावरण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ताजमहल मेट्रो स्टेशन पर आयोजित जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। राष्ट्र तभी मजबूत होगा, जब हम सब एक होंगे। बंटेंगे तो कटेंगे। बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। एक रहेंगे- नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचेंगे।
राष्ट्र वीरों को सम्मान दे रही सरकार
सीएम योगी ने राधे- राधे कहकर जनसभा में लोगों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर को नमन करते हुए मौजूद लोगों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि लगता है कि यह मूर्ति 10 साल से मेरा इंतजार कर रही थी। मेरे ऊपर उनकी कृपा आ गई। मुझे यहां आने का अवसर भी तब मिला, जब कृष्ण कन्हैया का जन्म हो रहा है। हम राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की आगरा में भव्य प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण ऐसे समय में कर रहे हैं, जब हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में दर्ज काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। देश की आजादी में 9 अगस्त 1925 में लखनऊ में पं. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम देकर उस समय अंग्रेज हुकूमत को चुनौती दी थी। उस समय ट्रेन एक्शन में क्रांतिकारियों में 4600 रुपए मिले थे, लेकिन क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करने और सजा दिलाने में अंग्रेजों ने 10 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन तब भी भारत की आजादी की लड़ाई कमजोर नही पड़ी। विदेशी हुकूमत की चूलों को हिलाने के लिए भारत माता के इन महान सपूतों ने लगातार कार्य किया। उन्हें सम्मान देने, उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने और उनका स्मरण करने के लिए काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी वर्ष के बहाने भारत के सभी राष्ट्र नायकों, राष्ट्रवीरों को सम्मान दे रहे हैं।
दुर्गादास के प्रति श्रद्धा का भाव रखते हैं आमजन
सीएम योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत सारे लोग थे, जिन्होंने मुगलों और अंग्रेजों के सामने समर्पण कर दिया था, लेकिन हम जिन राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर का नाम ले रहे हैं। एक बार राजस्थान जाइए, देखिए उनकी पूजा होती है। जोधपुर में श्रद्धा का भाव देखने को मिलता है। मैं इसी श्रद्धा के भाव को मजबूत करने के लिए आया हूं।
जहां दुर्गादास जैसे वीर, वहां कोई विदेशी आक्रांता कैसे कब्जा कर सकता
सीएम योगी ने कहा कि हम इतिहास जानते हैं। औरंगजेब का इस आगरा से भी कुछ संबंध था। इसी आगरा में हिंदवी पद बादशाही के महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की सत्ता को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि तुम चूहे की तरह तड़पते रह जाओगे, लेकिन तुझे हिंदुस्तान पर कब्जा नहीं करने देंगे। राजस्थान में महाराजा जसवंत सिंह इस मोर्चे को संभाल रहे थे। महाराजा जसवंत सिंह के महत्वपूर्ण सेनापति राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी थे। औरंगजेब ने कई बार कोशिश की, लेकिन कब्जा नहीं कर पाया। क्योंकि जहां राष्ट्रवादी राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जैसे वीर हों, वहां कैसे कोई विदेशी आक्रांता कब्जा कर सकता है। यही हुआ भी, लेकिन औरंगजेब दुष्ट था, चालबाज था। उसने एक चाल चली। महाराजा दशरथ सिंह से संधि कर ली। उसने कहा कि हम जोधपुर रियासत में कुछ नहीं करेंगे, लेकिन आप हमारा सहयोग कीजिए। उसने लालच दिया और कहा कि अफगानी हिंदुस्तान पर कब्जा होने जा रहा है। आपको मोर्चा संभालना पड़ेगा। वो धोखे से ले गया और उनकी हत्या कर दी।
क्रांतिकारियों ने कमजोर नहीं होने दी आजादी की लड़ाई
सीएम योगी ने कहा कि देश की आजादी के लिए 9 अगस्त 1925 में लखनऊ में पं. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम देकर अंग्रेजी हुकुमत को चुनौती दी थी। उस समय अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। ट्रेन एक्शन में इन क्रांतिकारियों को महज 4,600 रुपए मिले थे। लेकिन, उन्हें गिरफ्तार करके, सजा दिलाने के लिए अंग्रेजों ने 10 लाख रुपए खर्च कर दिए। लेकिन तब भी आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं पड़ी।
आगरा में कला, विश्वास और समर्पण है
सीएम योगी ने आगरा के लोगों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा- आगरा के रज-रज में, कण-कण में भगवान कृष्ण का वास है। यहां कला है, विश्वास है, आस्था और समर्पण है। यह विश्वास और आस्था, कला-संस्कृति राष्ट्र प्रतिष्ठा के साथ आगे बढ़नी चाहिए।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री व आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, प्रदेश सरकार के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, बेबीरानी मौर्य, धर्मवीर प्रजापति, फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर, महापौर हेमलता दिवाकर, कार्यक्रम संयोजक व विधायक जीएस धर्मेश, रानी पक्षालिका सिंह, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, धर्मपाल सिंह, छोटेलाल वर्मा, भगवान सिंह कुशवाहा, चौधरी बाबूलाल, जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया, विधान परिषद सदस्य विजय शिवहरे, भाजपा के प्रदेश महामंत्री रामप्रताप चौहान, नवीन जैन आदि उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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