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प्रादेशिक

दम है तो रामचरितमानस पर शास्त्रार्थ करके देख लें, मैं हारा तो फेंक दूंगा त्रिदंड: स्वामी रामभद्राचार्य

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बगहा। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने हाल ही में रामचरितमानस को पोटेशियम साइनाइड बताया था। चंद्रशेखर के इसी बयान को लेकर तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने शिक्षा मंत्री पर जमकर निशाना साधा। रामभद्राचार्य ने राजद नेता प्रो चंद्रशेखर को रामचरितमानस पर चर्चा की खुली चुनौती दे दी।

जगद्गुरु ने कहा कि ‘अगर चंद्रशेखर की मां ने उन्हें ईमानदारी का दूध पिलाया है तो वह मेरे साथ विसंगतियों पर चर्चा करें। मैं उनको उत्तर दूंगा। अगर चंद्रशेखर के प्रश्नों का उत्तर मैं नहीं दे पाऊंगा तो मैं पटना स्थित गंगा नदी में अपना त्रिदंड फेंक दूंगा और अगर वह मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाए तो उन्हें राजनीति से संन्यास लेना होगा।’दम है तो रामचरितमानस पर चर्चा करें, मैं हारा तो गंगा में त्रिदंड फेंक दूंगा

बिहार को जातिवाद की आग में झोंक रही सरकारर्य

पश्चिम चंपारण के बगहा के रामनगर में राम कथा कह रहे जगद्गुरु रामभद्राचार्य सनातन धर्म पर कटाक्ष करने वालों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि जब-जब सनातन धर्म पर कोई आपत्ति आती हैं तब उनका वक्तव्य मुखर हो जाता है।

एक ओर तो बिहार के शिक्षा मंत्री महोदय कहते हैं कि रामचरितमानस में जातिवाद घोला गया है वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार जाति के आधार पर जनगणना करा कर इस बिहार को जातिवाद की आग में झोंक रही है। इसका क्या समधान होगा? हमारे यहां जातिवाद नहीं था, पूजा थी। पूजा है। जो सनातन धर्म को मिटाने की बात करता है, वो खुद ही मिट जाएगा।

उदयनिधि स्टालिन पर भी भड़के रामभद्राचार्य

इस दौरान रामभद्राचार्य ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटा उदयनिधि स्टालिन को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म को मिटाने की बात करते हैं, जो भी सनातन धर्म को मिटाने की बात करता है, वह खुद ही मिट जाएगा।

इधर बिहार बीजेपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे ने भी रामभद्राचार्य महाराज के बयान का समर्थन करते हुए सनातन धर्म पर टिप्पणी करने वाले के नाश होने की बात कही है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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