Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

लाइफ स्टाइल

थायरॉइड की बीमारी से करना है बचाव, तो न होने दें इन 5 पोषक तत्वों की कमी

Published

on

Thyroid Awareness Month 2024

Loading

नई दिल्ली। थायरॉइड गर्दन के सामने मौजूद एक ग्लैंड है, जो थायरॉइड हार्मोन रिलीज करता है। यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है, जिस वजह से इस ग्लैंड के ठीक से फंक्शन न कर पाने की वजह से हमारे पूरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसका ठीक से काम करना बेहद जरूरी होता है।

थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखने में कुछ फूड आइटम्स काफी मददगार हो सकते हैं। आइए थायरॉइड अवेयरनेस मंथ में जानते हैं कि किन फूड आइटम्स को डाइट में शामिल कर, आप अपने थायरॉइड को हेल्दी तरीके से काम करने में मदद कर सकते हैं।

थायरॉइड ग्लैंड को बेहतर तरीके से काम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व की जरूरत होती है, जैसे- आयोडीन, जिंक, विटामिन-डी, विटामिन-बी, मैग्नीशियम और सेलेनियम। इनमें भी आयोडीन और सेलेनियम, थायरॉइड के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए अपनी डाइट में ऐसे फूड आइटम्स शामिल करें, जिनसे आपके शरीर को ये सभी पोषक तत्व जरूरी मात्रा में मिल सकें।

आयोडीन (Iodine)

आयोडीन थायरॉइड हार्मोन टी3 और टी4 हार्मोन रिलीज करने में मदद करता है। इसलिए डाइट में आयोडीन से भरपूर फूड आइटम्स खाएं, जैसे- आयोडाइज्ड नमक, टूना, मैकरल, दूध आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।

विटामिन-डी (Vitamin D)

विटामिन-डी हाइपोथायरॉइडिज्म से बचाव में मदद करता है। दरअसल, विटामिन-डी की कमी की वजह से ऑटो-इम्यून हाइपोथायरॉइडिज्म हो सकता है। इसलिए विटामिन-डी से भरपूर फूड आइटम्स, जैसे- मशरूम, अंडे, फैटी फिश ( टूना, सार्डिन, मैकरल) आदि को नियमित तौर से खाएं। इसके साथ कुछ फॉर्टिफाइड डेरी प्रोडक्ट्स की मदद से भी आप विटामिन-डी की कमी को दूर कर सकते हैं।

सेलेनियम (Selenium)

संतुलित मात्रा में सेलेनियम, थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखने में मदद करता है। यह थायरॉइड हार्मोन रिलीज करते समय होने वाले फ्री रेडिकल डैमेज से रक्षा करने में मदद करता है। हालांकि, इसकी अधिक मात्रा नुकसानदेह हो सकती है। इसलिए संतुलित मात्रा में सेलेनियम होना आवश्यक है। इसके लिए आप अपनी डाइट में नट्स, सालमन, सन फलावर सीड्स और अंडे आदि को शामिल करें।

मैग्नीशियम (Magnesium)

मैग्नीशियम थायरॉइड ग्लैंड के बेहतर फंक्शन के लिए काफी आवश्यक होता है। यह टी4 हार्मोन को टी3 हार्मोन में बदलने में मदद करता है। इसलिए इसकी कमी की वजह से सेल्स तक एक्टिव थायरॉइड हार्मोन नहीं पहुंच पाता और इस कारण से थायरॉइड डिसफंक्शन हो सकता है। इसलिए अपनी डाइट में पालक, डार्क चॉकलेट, टोफू, एवोकाडो आदि को शामिल करें।

जिंक (Zinc)

थायरॉइड हार्मोन रिलीज करने के लिए जिंक का आवश्यक होता है। इसलिए इसकी कमी की वजह से सही मात्रा में थायरॉइड हार्मोन रिलीज नहीं हो पाता है। इसलिए नट्स, ओएस्टर्स, सीड्स, फिश, मीट आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।

Continue Reading

लाइफ स्टाइल

स्वस्थ रखने का अच्छा व आसान उपाय है टहलना, कई बीमारियों से करेगा बचाव

Published

on

By

Walking is a good and easy way to keep healthy

Loading

नई दिल्ली। वर्तमान समय में गलत खानपान, अनियमित जीवनशैली व शारीरिक श्रम से दूरी कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे रही है। आज जैसी आरामपसंद जीवनशैली में टहलना खुद को स्वस्थ रखने का एक अच्छा व आसान उपाय है।

कहते हैं कि यदि दौड़ न सकें तो चलें। चल न सकें, तो खड़े हो जाएं और खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं तो अपने शरीर को बस सक्रिय रखकर स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं।

जर्नल आफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक शोध के मुताबिक, यदि आप कदमों की एक निश्चित संख्या को सतत बनाए रखते हुए प्रतिदिन टहलते हैं तो डिमेंशिया, कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं।

तेजी से टहलना रखता है चुस्त

यदि आप सामान्य रूप से टहलते हैं तो इस दौरान आमतौर पर लोग किसी से आराम से बात करते हुए चलते हैं। पर इससे थोड़ा और तेज चलें तो आप बस बात को समझकर हां या ना में जवाब भर दे सकते हैं।

वहीं, जब आप इन दोनों तरीके से अलग और तेज चलते हैं तो इसे ब्रिस्क वाक कहते हैं। यह सामान्य गति से चलने और दौड़ने के बीच की स्थिति होती है। तेज गति से टहलना एक शानदार कसरत है। यदि आप हर दिन एक घंटे तक ब्रिस्क वाक करें तो यह हृदय की कार्यप्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि जितना लंबा चलें, उतना अच्छा।

तनाव न लें, इसे आनंददायक बनाएं

हर उम्र और वर्ग के लोगों को टहलने के लिए प्रेरित करना चाहिए पर ऐसा न हो कि आपने टहलना शुरू किया और जब यह किसी कारण वश रुक गया तो आप परेशान हो जाएं। इससे कई लोग टहलना भी छोड़ देते हैं।

गैजेट की मदद से जानना कि कितने कदम चले, कितने घंटे चले, यह सब अच्छा है। यह उत्साह भी ठीक है, लेकिन टहलने को आनंददायक बना लें, तो इससे आपको लाभ अधिक मिलेंगे। यह एक मजेदार चीज है। आप दिन भर खुश और ऊर्जावान महसूस करेंगे। आप इसकी मदद से अपना स्वाथ्य बेहतर कर रहे हैं, इसलिए तनाव के बजाय सहजता से आगे बढ़ें।

इन बातों का रखें ध्यान

आपके जूते आरामदायक हों। मधुमेह के मरीज हैं, तो संक्रमण का कारण बन सकता है अनफिट जूता।

कपड़े मौसम के अनुकूल होने चाहिए।

सर्दी में शरीर को अच्छी तरह ढककर चलें। गुनगुनी धूप में टहलें।

सुरक्षित और साफ-सुथरे वातावरण में टहलें।

टहलते समय अपना पेट बिल्कुल टाइट रखें। कमर सीधी रहे और आगे की ओर न झुकें।

खाने के बाद हल्की चहलकदमी करें। इससे पाचन में मदद मिलेगी।

उम्र का ध्यान रखें, अपनी क्षमता को जानें।

टहलने से तन मन रहता है चुस्त

नींद अच्छी आती है। पाचन तंत्र सही रहता है।

मोटापा, मधुमेह, कैंसर, डिमेंशिया आदि से दूर रहने में मदद मिलती है।

नाड़ी को नियंत्रित करता है। रक्तचाप को नियंत्रित कर हृदय की कार्यक्षमता में सुधार लाता है।

वजन पर नियंत्रण रहता है।

सहनशक्ति बढ़ती है। नकारात्मकता दूर होने से खुशी और उत्साह से भरे होते हैं आप।

मेनोपाज के कारण महिलाओं में वजन बढ़ने, चिड़चिड़ेपन आदि जैसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

30 मिनट कम से कम प्रतिदिन चलना चाहिए

10 प्रतिशत तक कम कर देता है हृदय रोग व कैंसर का जोखिम प्रत्येक 2000 कदम।

10,000 कदम प्रतिदिन चलना डिमेंशिया का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम कर देता है।

35 प्रतिशत तक मौत के खतरे को कम कर सकते हैं तेजी से टहल कर।

25 प्रतिशत तक कैंसर और हृदय रोग के खतरे को कम कर सकते हैं ब्रिस्क वॉक से।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई चिकित्सकीय सलाह। अपनाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

Continue Reading

Trending