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इस्तीफे में हार्दिक पटेल ने लिखा- चिकन सैंडविच पर रहता है कांग्रेस नेताओं का ध्यान

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नई दिल्ली। गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा। इस दौरान उन्होंने जहां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर हमला किया तो मोदी सरकार की तारीफ में कसीदे भी पढ़े।

हिम्मत करके दे रहा हूं इस्तीफा

हार्दिक पटेल ने इस्तीफे की जानकारी ट्विटर पर दी। उन्होंने लिखा, “आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।”

चिकन सैंडविच पर रहता है कांग्रेस नेताओं का ध्यान

हार्दिक पटेल ने लिखा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने के कारण मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है। जबकि, देश के लोगों को विरोध नहीं, ऐसा विकल्प चाहिए जो भविष्य के बारे में सोचता हो।

उन्होंने कहा, हमारे कार्यकर्ता अपने खर्च पर 500 से 600 किमी की यात्रा कर जनता के बीच जाते हैं और देखते है कि गुजरात कांग्रेस के बड़े नेताओं का ध्यान सिर्फ इस पर रहता है कि दिल्ली से आए नेता को चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं।

मोदी सरकार के पढ़े कसीदे

हार्दिक पटेल ने सीधे तौर पर मोदी सरकार या भाजपा का नाम तो नहीं लिया, लेकिन अपने इस्तीफे में पाटीदार नेता ने लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हो या जीएसटी लागू करने का निर्णय…देश लंबे समय से इन समस्याओं का समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही।

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता की कमी है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा उनका ध्यान गुजरात के लोगों से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब देश में संकट था तो हमारे नेता विदेश में थे।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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