प्रादेशिक
महाराष्ट्र में बच्चियों से यौन शोषण का आरोपी पुलिस एनकाउंटर में ढेर, मां बोली- बेटे को पुलिस ने मारा
मुंबई। महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों से यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर के बाद अस्पताल में मौत हो गई। उस पर पुलिस की रिवॉल्वर छीनने का आरोप है। दरअसल आरोपी अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से पुलिस यौन उत्पीड़न के मामले में रिमांड पर लेकर बदलापुर जा रही थी। जब वाहन मुंब्रा बाईपास के पास पहुंचा तो आरोपी अक्षय शिंदे ने वाहन में मौजूद एक पुलिस अधिकारी की रिवॉल्वर छीन ली और दो से तीन राउंड फायरिंग की। इससे पुलिस अधिकारी घायल हो गया। जवाब में एक अन्य अधिकारी ने शिंदे पर गोली चला दी, जिससे वह घायल हो गया। उसे गंभीर हालत में कलवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां अक्षय शिंदे ने दम तोड़ दिया।
वहीं अक्षय की मां ने इस बात से साफ इनकार किया है। अक्षय की मां का कहना है कि ये बात एकदम गलत है। वह ऐसा नहीं कर सकता। मां का आरोप है कि उसके बेटे को पुलिस ने मारा है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वह बेटे का शव नहीं लेगी।
अक्षय की मां ने कहा कि उसकी जब बात हुई थी तो उसने कहा था कि मम्मी मुझे कब छुड़ाकर लेकर जाओगी। उसने किसी से भी डर की कोई बात नहीं कही थी। अक्षय की मां ने कहा कि पुलिस ने उनको बोला था कि तुम्हारे बेटे ने बहुत बड़ा काम किया है, उसके साथ दो-तीन लोगों को लेकर आना पड़ता है। अक्षय की मां का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को बहुत मारा था।
अक्षय शिंदे का कल जिस पुलिस वैन में एनकाउंटर हुआ, उसे ठाणे पुलिस मैदान में रखा गया है। मुठभेड़ की जांच के लिए बनी SIT के प्रमुख डीसीपी पराग मनेरे औऱ उनकी टीम ने आज सुबह पुलिस वैन का मुआयना किया। फोरेंसिक टीम भी यहां पहुंची है। सूत्रों के मुतबिक मौके से फोरेंसिक टीम को 4 खाली कारतूस मिले हैं, जो कल फायर किए गए थे। इसके साथ ही टीम ने वैन से खून के नमूने भी लिए हैं।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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