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खेल-कूद

पाक-अफगान मैच में ‘भद्रजनों के खेल’ पर लगा धब्बा, मैदान के अंदर व बाहर हुई भिडंत

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शारजाह (यूएई)। एशिया कप 2022 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मैच में मैदान के अंदर व बाहर कुछ ऐसा हुआ, जिससे सभी क्रिकेट फैंस निराश होंगे। ‘भद्रजनों के खेल’ क्रिकेट में ऐसा कम ही होता है जब मैदान में खिलाडी और बाहर उनके फैन्स आपस में भिड़ जाएं। इस मैच में यह दोनों ही हुआ।

मैच में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को एक विकेट से हराकर रोमांचक जीत दर्ज की। इसके बाद दोनों टीमों के फैंस स्टेडियम में ही भिड़ गए। इससे पहले पाकिस्तान के आसिफ अली और अफगानिस्तान के फरीद स्टेडियम में भिड़ गए थे। दोनों ही घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

फरीद से भिड़ गए थे आसिफ

दरअसल, मैच में दूसरी पारी का 19वां ओवर अफगानिस्तान के फरीद कर रहे थे। पाकिस्तान के आसिफ अली ने ओवर की चौथी गेंद पर छक्का लगाया, लेकिन अगली ही गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद फरीद ने उन्हें मैदान से बाहर जाने का इशारा किया और कुछ शब्द भी कहे।

जवाब में आसिफ ने भी कुछ कहा और मामला इतना बढ़ गया की आसिफ ने फरीद को धक्का दिया और मारने के लिए बल्ला भी तान लिया। अंपायर और अन्य खिलाड़ियों ने बीच-बचाव किया तब मामला शांत हुआ।

मैच खत्म होने के बाद भिड़े दर्शक

दूसरी घटना में पाकिस्तान की जीत के बाद टीम के समर्थकों ने स्टेडियम में जमकर जश्न मनाना शुरू कर दिया। अफगानिस्तान के कुछ दर्शकों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने स्टेडियम की कुर्सियां निकालकर पाकिस्तानी दर्शकों पर फेंकनी शुरू कर दीं।

विवाद बढ़ता गया, अफगानिस्तान के फैंस ने स्टेडियम की कुर्सियां निकाल लीं और पाकिस्तानी फैंस को दौड़ा-दौड़ा कर मारा। स्टेडियम के बाहर भी पाकिस्तानी फैंस के मारपीट हुई। इन घटनाओं के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।

शारजाह पुलिस से इस मामले में जांच की मांग की गई है। सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया गया कि अफगानी समर्थकों ने शारजाह की गलियों में पाकिस्तानी फैंस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है।

पाकिस्तान में उत्तरी वजीरिस्तान से नेशनल असेंबली के सदस्य मोहसिन डावर के अनुसार, पाकिस्तान की दशकों पुरानी “रणनीतिक नीति” और “अफगानिस्तान में हस्तक्षेपवादी दुस्साहस” के चलते अफगानिस्तान के लोग पाकिस्तान से नाराज हैं। डावर ने कहा कि अफगानिस्तान समर्थकों को “नस्लवादी गाली” देने के लिए एक क्रिकेट मैच का बहाना बनाना “बेशर्मी” है।

डावर ने ट्वीट किया, “अफगानों के खिलाफ नस्लवादी गाली देने के बहाने के रूप में क्रिकेट मैच का इस्तेमाल करना सबसे बड़ी बेशर्मी है। पाकिस्तान की दशकों पुरानी रणनीतिक गहराई नीति और अफगानिस्तान में हस्तक्षेप करने वाले दुस्साहस के कारण अफगानों को पाकिस्तान के साथ समस्या है। अफगानों को गाली देने से पहले आत्मनिरीक्षण करें।” डावर विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष भी हैं।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के फैंस के बीच मारपीट के वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग दो गुट में बंट गए हैं। पाकिस्तान के एक पत्रकार ने घटना के वीडियो शेयर कर शारजाह पुलिस से जांच और उन लोगों की पहचान करने की मांग की है, जो वीडियो में पाकिस्तानी फैंस को पीटते हुए दिख रहे हैं। वहीं, एक अन्य यूजर ने इसी घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ये तो पाकिस्तानियों को भागने का मौका भी नहीं दे रहे हैं।

खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, अरेस्ट वारंट जारी

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नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को PF में धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी ने कर्मचारियों के खातों से प्रोविडेंट फंड यानी PF का पैसा तो काट लिया लेकिन उसे जमा नहीं किया। जिसके कारण से लगभग 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है। इसी वजह से 4 दिसंबर को उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। उन्हें पूरे पैसे जमा करने के लिए 27 दिसंबर तक का समय भी दिया गया। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। अब इससे पहले ही उथप्पा की तरफ से बयान सामने आया है।

रॉबिन उथप्पा ने कंपनियों को उधार दिए थे पैसे

रॉबिन उथप्पा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे खिलाफ PF मामले की हाल की खबरों सामने आने के बाद, मैं स्ट्रॉबरी लेंसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के बारे में अपनी भागीदारी के बारे में बताना चाहता हूं। मुझे 2018-19 में इन कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। क्योंकि कर्ज के तौर पर मैंने इन कंपनियों को पैसे दिए थे। मेरे पास सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटर और कमेंटेटर के रूप में काम को देखते हुए मेरे पास इसमें भाग लेने के लिए समय नहीं था। आज तक जिन अन्य कंपनियों को मैंने कर्ज दिया है। उनमें भी कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं।

 

 

 

 

 

 

 

 

ऊपर से ये कंपनिया मेरे द्वारा दिए गए उधार को चुकाने में असफल रही हैं। जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी। कई साल पहले मैंने डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जब PF अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग की, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया और बताया कि इसमें मेरी कोई भी भूमिका नहीं है। इसके बाद कार्यवाही जारी है। मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामलों को सुलझाने के लिए कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वे कृपया पूरे तथ्य पेश करें।

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