अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान: आतंकी घटनाओं में मरने वालों की संख्या में रिकॉर्ड 120 फीसदी बढ़ोतरी
इस्लामाबाद। पडोसी देश पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या में साल 2022 में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में साल 2022 में आतंकी घटनाओं में 643 लोगों की मौत हुई, जो कि बीते साल की 292 मौतों के मुकाबले करीब 120 फीसदी ज्यादा है।
ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनोमिक्स एंड पीस की सालाना ग्लोबल टेरेरिज्म इंडेक्स रिपोर्ट यह आंकड़े दिए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अफगानिस्तान में आतंकी घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है।
पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में हुई बढ़ोतरी
बता दें कि साल 2022 में पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या दूसरी सबसे ज्यादा है। पहले नंबर पर अफ्रीकी देश बुर्किनी फासो है, जहां 2022 में आतंकी घटनाओं में 1135 लोगों की मौत हुई। बुर्किनी फासो में 2021 में 759 लोगों की मौत हुई थी।
पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में मरने वाले लोगों में 55 फीसदी सेना या पुलिस के जवान हैं। पाकिस्तान में टीटीपी और ब्लूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी सबसे खतरनाक आतंकी संगठन रहे, जिन्होंने पड़ोसी देश में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2007 से 2022 तक पाकिस्तान में आतंकी हमलों में 14,920 लोगों की मौत हुई है। पाकिस्तान में अफगानिस्तान सीमा के इलाकों में आतंकी घटनाएं ज्यादा हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की कुल आतंकी घटनाओं में से 63 फीसदी अफगानिस्तान सीमा के इलाकों में घटी। वहीं कुल मौतों में से 74 फीसदी यहीं पर हुईं।
ब्लूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी के हमलों में पाकिस्तान में 2022 में 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। पाकिस्तान में इस्लामिक स्टेट खुरासान का भी प्रभाव बढ़ रहा है और इस आतंकी संगठन ने पाकिस्तान में 2022 में 23 आतंकी हमले किए, जिनमें 78 लोगों की मौत हुई।
अफगानिस्तान सबसे ज्यादा आतंकवाद प्रभावित
ग्लोबल टेरेरिज्म इंडेक्स की रिपोर्ट में अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा आतंकवाद प्रभावित देश बताया गया है। हालांकि एक अच्छी बात ये है कि अफगानिस्तान में आतंकी घटनाओं में होने वाली मौतों में साल 2022 में 58 फीसदी की कमी आई है।
साथ ही आतंकी घटनाएं भी 75 फीसदी तक घट गई हैं। अफगानिस्तान में साल 2022 में आतंकी घटनाओं में 633 लोगों की मौत हुईं, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 1499 था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी की वजह से आतंकी घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी आई है लेकिन महिलाओं, पूर्व की सरकार के अधिकारियों और मानवाधिकार के स्तर पर हमले बढ़े हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में इस्लामिक स्टेट खोरासान सबसे सक्रिय आतंकी संगठन के रूप में उभरा है। अफगानिस्तान में इस आतंकी संगठन ने 2022 में 422 लोगों की हत्याएं की।
अन्तर्राष्ट्रीय
देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी
सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।
25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी
बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।
रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध
अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।
असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।
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