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अंतरिक्ष में भारत ने फिर रचा इतिहास, गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल की हुई सफल लॉन्चिंग

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Gaganyaan Mission Test Flight

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श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) श्रीहरिकोटा में गगनयान मिशन के लिए मानवरहित उड़ान परीक्षण कर दिया है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण के बाद ISRO यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान के टेस्ट व्हीकल की सफल लॉन्चिंग की है।

मिशन के टेस्ट व्हीकल की आज लॉन्चिंग हुई है, जिसे तकनीकी कारणों की वजह से टाल दिया गया था। भविष्य के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रमों को देखते हुए अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए इस मानवरहित उड़ान परीक्षण सफल रहना भी बड़ी खबर है। इसरो ने टेस्ट व्हीकल अबार्ट मिशन-1 (TV-D1) के जरिये पहले क्रू मॉड्यूल का परीक्षण किया है।

पृथ्वी पर पैराशूट की मदद से उतर रहा क्रू मॉड्यूल

मिशन के लॉन्च होने के बाद करीब 16 किलोमीटर की ऊंचाई तक रॉकेट की मदद से क्रू मॉड्यूल उड़ा। इसके बाद दूसरे चरण में क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अलग हो गया और पैराशूट की मदद से बंगाल की खाड़ी में नीचे आने लगा। समुद्र में नेवी की टीम पहले से तैनात है, जो इस मॉड्यूल को लेकर इसरो कमांड तक लेकर आएगी।

तकनीकी खराबी के चलते मिशन किया गया होल्ड

गगनयान मिशन की पहली टेस्टिंग को काउंटडाउन के अंतिम 5वें सेकंड पर होल्ड कर दिया गया था। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि गगनयान का पहली उड़ान टेस्टिंग (टीवी-डी1) तकनीकी खराबी की वजह से रोका गया।

देखने पहुंचे स्कूली बच्चे

श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटरर में गगनयान मिशन के ट्रायल को देखने कई स्कूली बच्चे पहुंचे। बच्चों में मिशन को लेकर अलग उत्साह देखने को मिला। एक छात्र का कहना है, इसरो का दौरा करने का यह हमारा पहला मौका है और हमें यहां आकर बहुत गर्व है। चंद्रयान -3 एक सफल मिशन है और हमें उम्मीद है कि यह मिशन भी सफल होगा।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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