ऑफ़बीट
एक ऐसा किला जहां रुकने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाता, शाम होते ही भागने लगते हैं लोग
नई दिल्ली। भारत में कई राजाओं के किले हैं जिनकी खूबसूरती को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे हैं जहां लोग जाने से कतराते हैं।
अगर कोई इस किले में गलती से चला भी जाता है तो शाम होते ही लौट आता है। ये किला महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच स्थित है, जिसे भारत के खतरनाक किलों में गिना जाता है।
ये किला प्रभलगढ़ के नाम से भी मशहूर है। 2300 फीट ऊंची पहाड़ी पर बने इस किले के बारे में लोग बताते हैं कि बहुत कम ही लोग इस किले में जाने की हिम्मत जुटा पाते हैं।
दरअसल, खड़ी चढ़ाई होने के कारण इंसान यहां लंबे समय तक नहीं टिक पाता है। इसके अलावा न तो यहां बिजली की व्यवस्था है और न ही पानी की। शाम होते ही यहां मीलों दूर तक सन्नाटा फैल जाता है।
इस किले पर चढ़ने के लिए चट्टानों को काटकर सीढ़ियां बनाई गई हैं, लेकिन इन सीढ़ियों पर ना तो रस्सियां है और ना ही कोई रेलिंग। मतलब अगर चढ़ाई के समय जरा सी भी चूक हुई या पैर फिसला तो आदमी सीधे 2300 फीट नीचे खाई में गिरता है।
कहते हैं कि इस किले से गिरने के कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस किले का नाम पहले मुरंजन किला था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम बदल दिया गया। बताया जाता है कि शिवाजी महाराज ने रानी कलावंती के नाम पर ही इस किले का नाम रखा था।
उत्तर प्रदेश
संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।
उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।
ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.
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