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मुख्य समाचार

ड्रग के अवैध कारोबार के खिलाफ तेज हो अभियान: सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शनिवार को गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस अग्निशमन, महिला सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में माननीय मंत्री नगर विकास अरविंद कुमार शर्मा की उपस्थिति भी रही।

● प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फ़रोख़्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इस दृष्टि से संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा। अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए। गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा। बेहतर समन्वय के साथ ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

● उत्तर प्रदेश, नेपाल राष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली से अपनी सीमा साझा करता है। विकास और सुरक्षा के दृष्टि से सीमा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील, विकास खंड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी, और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती की जाए। यहां सभी विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता रहे।

■ सभी सीमावर्ती जनपदों में केंद्र व राज्य सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं का 100% संतृप्तिकरण सुनिश्चित करें। हर पात्र जरूरतमंद को सरकार की योजनाओं का लाभ जरूर मिले। इन जिलों में योजनाओं की प्रगति की अलग से समीक्षा की जानी चाहिए।

● सीमावर्ती जनपदों में समीपवर्ती राज्य/राष्ट्र से आवागमन होता रहता है। ऐसे में यह जिले अन्य राज्य/राष्ट्र के लिए हमारे ब्रांड एम्बेसेडर सरीखे होते हैं। यह आवश्यक है कि यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण हो। इन जिलों में मंडी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, अच्छे स्कूल, बेहतर परिवहन व्यवस्था होनी चाहिए। इस दिशा में नियोजित प्रयास किया जाए।

● सीमावर्ती जिलों में प्रदेश की पुलिस व एसएसबी के दल के साथ जॉइन्ट पेट्रिलिंग कराई जाए। एसएसबी के साथ बेहतर समन्वय बनाये रखें।

● आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी अहम विषय है। पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब
प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की आवश्यकता है। इस बारे में यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें।

● लखनऊ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के कार्य में तेजी की अपेक्षा है। गांधीनगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक यूनिवेसर्टी के सहयोग से यहां के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम तैयार कराये जाएं।

● अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था को और व्यवहारिक बनाए जाने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ अन्य आवश्यक बदलावों को अंगीकार करते हुए फायर एक्ट को और बेहतर बनाया जाना चाहिए।

● महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के संकल्प की पूर्ति में “सेफ सिटी परियोजना” अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है।

● हाल के समय में महिला सुरक्षा व अपराध नियंत्रण में सीसीटीवी कैमरों की महत्वपूर्ण भूमिका का हम सभी ने अनुभव किया है। वर्तमान में स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। बड़ी संख्या में व्यापारीगणों ने सीसीटीवी कैमरे लगाने में सहयोग किया है। हमें इसे एक मुहिम का रूप देना होगा। अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की।कोशिश करनी होगी।

● गृह, नगर विकास, आवास, संस्थागत वित्त और राज्य कर विभाग परस्पर बैठक कर जनसहयोग के माध्यम से सभी सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे, पिंक टॉयलेट, बसों में पैनिक बटन आदि सुरक्षा प्रबंध करने की कार्ययोजना तैयार करें।

● सेफ सिटी परियोजना की उपयोगिता को देखते हुए सभी नगर निगमों तक इसका विस्तार किया जा सकता है। इस संबंध में कन्वर्जेंस को आधार बनाकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।

■ उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा नागरिक पुलिस बल है। उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी प्रोफेशनल दक्षता, योग्यता और कार्यकुशलता के लिए आज देश-दुनिया में सराहना प्राप्त कर रही है। पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जायें। उपकरण की जरूरत हो या ट्रेनिंग की, सभी आवश्यकताओं की पूर्ति तत्काल कराई जाए।

 

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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