प्रादेशिक
यूपी में इनवेस्टर्स का दिखेगा दम, दिल्ली में भव्य कर्टन रेजर प्रोग्राम के जरिए होगी मुहिम की शुरुआत
लखनऊ। वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में उत्तर प्रदेश एक अहम पहल करने जा रहा है. दरअसल, यूपी में इनवेस्टर्स समिट फरवरी के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावित है और इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यूपी इनवेस्टर समिट 2023 के कर्टन रेजिंग प्रोग्राम का आयोजन 22 नवंबर 2022 को दिल्ली के सुषमा स्वराज प्रवासी भारतीय भवन में होगा।सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हो रहे इस कर्टन रेजिंग सेरेमनी में इनवेस्टर्स की ‘इज आफ इनवेस्टमेंट’ को ध्यान में रखकर दो पोर्टल्स का शुभारंभ भी किया जाएगा। साथ ही ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट को लेकर एक शॉर्ट फिल्म का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा, यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 के जुड़े ‘लोगो’ को भी लांच किया जाएगा।
प्रेजेंटेशन के जरिए अहम प्वाइंट्स को किया जाएगा हाईलाइट
उत्तर प्रदेश शासन इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है और इसमें सीआईआई व फिक्की इंडस्ट्री पार्टनर की भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआती सेशन में केंद्रीय सार्वजिनक क्षेत्रों के मुख्य प्रबंधक व राजदूतों के साथ संवाद किया जाएगा। इसके उपरांत गणमान्यों के मंचासीन होने के बाद दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का विधिवत आगाज होगा। कार्यक्रम में डीएस मिश्रा (मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार) का प्रारंभिक संबोधन होगा जिसके बाद उत्तर प्रदेश में इनवेस्टमेंट की संभावनाओं को दर्शाती प्रस्तुतिकरण अरविंद कुमार (अवस्थापना व औद्योगिक विकास आयुक्त, उत्तर प्रदेश) की उपस्थिति में की जाएगी। सीआईआई व फिक्की की ओर से भी क्रार्यक्रम को ब्रीफ किया जाएगा और कई आयामों पर प्रकाश डाला जाएगा।
लोगो, वेबसाइट्स समेत कई अहम पोर्टल्स का होगा उद्घाटन
यूपी जीआईएस-23 का लोगो और टैगलाइन भी अनावृत किया जाएगा। इसके साथ-साथ यूपी शासन के संकलन का अनावरण, आनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन पोर्टल का शुभारंभ, निवेश सारथी और यूपी जीआईएस 2023 की आफिशियल वेबसाइट का भी शुभारंभ होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में यूपी जीआईएस की एक शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
जीआईएस 2023 इसलिए है खास…
आने वाले 5 सालों में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन यूएस डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार विशेष तौर पर प्रयास कर रही है। इसका एक कारण यह भी है कि केंद्र सरकार भी देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का प्रयास कर रही है। ऐसे में केंद्र द्वारा हाल ही में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत कुल 5 राज्यों में ग्लबोल इनवेस्टर्स को लाने के लिए बड़ी मुहिम शुरू की गई है। इसमें यूपी चूंकि जनसंख्या, मैनपावर समेत कई मायनों में न केवल अन्य राज्यों से बड़ा है बल्कि यहां मैनुफैक्चरिंग समेत कई सेक्टर्स में इनवेस्टमेंट की असीमित संभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं को लक्ष्य करते हुए यूपी ग्लोबल इनवेस्टर समिट 2023 के आयोजन के जरिए बड़े स्तर पर पूरी दुनिया से निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। मौजूदा प्रयास भी इसी संदर्भ में हो रहा है।
लखनऊ में लगेगा पूरी दुनिया के इनवेस्टर्स का जमावड़ा
-यूपी ग्लोबल इनवेस्टर समिट 2023 का आयोजन लखनऊ में फरवरी 10 से 12 को बीच किया जाएगा.
-यह तीन दिवसीय कार्यक्रम पॉलिसी मेकर्स, इनवेस्टर्स, कॉर्पोरेट लीडर्स, बिजनेस डेलिगेट्स, एकेडमिक्स की फील्ड के दिग्गज व पॉलिटिकल और सरकार की लीडरशिप को एक मंच साझा करने का मौका देगा जिसमें वह अपने विचार साझा कर सकेंगे.
-मुख्य तौर पर कार्यक्रम में 25 प्लस पॉलिसीज पर फोकस किया जाएगा जिनके जरिए देश के अलावा दुनिया की दिग्गज कंपनियों और एफडीआई को आकर्षित करने के लिए भी दशा-दिशा की ओर अहम कदम उठाया जा सकेगा.
-इस कार्यक्रम के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार 10 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को हासिल करने और 25 सेक्टर्स जैसे कि आईटी, मैनुफैक्चरिंग, ड्रोन, टूरिज्म व डिफेंस मुख्य होंगे.
-यूपी शासन का एक उद्देश्य राज्य के 5 शहरों को भी इनवेस्टमेंट हब के तौर पर विकसित करना है और इन पावर हब्स में मेजर इनवेस्टमेंट होने के बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर रोजगार व अवसर का सृजन हो सकेगा.
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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