प्रादेशिक
राहुल गांधी को लड़कियों की कमी है क्या? 50 साल की बूढ़ी को फ्लाइंग किस क्यों देंगे: कांग्रेस विधायक
नवादा। राहुल गांधी के ‘फ्लाइंग किस’ को लेकर पहले संसद में पिछले दिनों जोरदार हंगामा देखने को मिला। अब बिहार की विधायक नीतू सिंह ने ऐसा कमेंट किया है जिसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा। उनका ये बयान एक निजी न्यूज चैनल से इंटरव्यू के दौरान दिया गया।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को लड़कियों की कमी है क्या? अगर फ्लाइंग किस देना होगा तो किसी लड़की को देंगे। 50 साल की बूढ़ी महिला को वो फ्लाइंग किस क्यों देंगे? उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसद में उठाए गए मुद्दे पर ये कमेंट किया। नीतू सिंह ने आगे कहा कि स्मृति ईरानी की ओर से राहुल गांधी पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
विरासत में मिली है राजनीति
नीतू सिंह ने कोई पहली बार ऐसा कमेंट नहीं किया है। वो ऐसे ही तेजतर्रार बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रही हैं। नवादा की जनता ने भी 2020 चुनाव में उन पर विश्वास जताया। नीतू सिंह को राजनीति विरासत में मिली है। उनके ससुर स्व. आदित्य सिंह मंत्री रह चुके हैं। वो स्वयं भी जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं। इनका राजनीतिक सफर करीब दो दशक का रहा है।
जिला परिषद अध्यक्ष से बनीं विधायक
पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद 2001 में हुए पहले चुनाव में ही नीतू सिंह जिला पार्षद निर्वाचित हुईं थी। उसके बाद 2006 के पंचायत चुनाव में दूसरी बार जिला पार्षद बनीं। इस बार लंबी छलांग लगाते हुए जिला परिषद अध्यक्ष बन गईं। नीतू सिंह लगातार सियासी उतार-चढ़ाव के बावजूद पांच साल तक जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रहीं। इस दौरान 2010 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
नवादा की हिसुआ सीट से विधायक हैं नीतू सिंह
जैसे ही नीतू सिंह ने ये कमेंट किया सूबे की सियासत गरमा गई। बीजेपी ने उन पर करारा वार किया है। उधर, कांग्रेस विधायक नीतू सिंह सोशल मीडिया पर तेज से सर्च की जाने लगीं। जानकारी मिल रही नीतू सिंह को नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री बनाने की भी चर्चा चल रही है। नीतू सिंह ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में हिसुआ सीट से दावेदारी की। उन्होंने बीजेपी कैंडिडेट को शिकस्त दी। नीतीश कैबिनेट में महिला प्रतिनिधि के रूप में उनके नाम की चर्चा चल रही है।
पूर्व मंत्री आदित्य सिंह की पुत्र वधू हैं नीतू सिंह
साल 2011 में जिला परिषद का चुनाव हार गईं। फिर 2015 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन कामयाबी फिर दूर रही। इसके बाद नीतू सिंह ने फिर कांग्रेस का टिकट पाया और कैंडिडेट के तौर पर जमकर प्रचार किया। आखिरकार जनता ने उन पर भरोसा जताया और वो जीत गईं। नीतू सिंह पूर्व मंत्री आदित्य सिंह की बड़ी पुत्रवधू हैं। यूं कहें उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी भी हैं।
राबड़ी सरकार में मंत्री थे आदित्य सिंह
आदित्य सिंह 28 वर्षों तक लगातार हिसुआ का प्रतिनिधित्व करने वाले आदित्य सिंह राबड़ी सरकार में पशुपालन राज्य मंत्री बने थे। आदित्य सिंह की पहचान दबंग नेता के तौर पर रही थी। 2005 के अक्टूबर का चुनाव वे बीजेपी उम्मीदवार अनिल सिंह से हार गए थे। उसके बाद वे चुनाव नहीं लड़े। अपने जीवन काल में ही बड़ी बहू नीतू सिंह को उन्होंने अपना उत्तराधिकारी बनाया। 2010 में कांग्रेस का टिकट दिलाकर चुनाव लड़वाया था।
मुखिया बनने की प्लानिंग में थीं बन गईं कांग्रेस विधायक
नीतू सिंह नवादा जिले के हिसुआ से कांग्रेस पार्टी की विधायक हैं। बताया जाता है कि 2020 विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले वो मुखिया बनने की सोच रही थीं। उन्होंने मुखिया पद पर उम्मीदवारी फाइनल कर चुकी थीं। फिर कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बन गईं।
उत्तर प्रदेश
शहरी और ग्रामीण श्रमिकों के लिए रोजगार के वृहद अवसर दे रहा है प्रयागराज महाकुंभ
प्रयागराज । प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को एक तरफ जहां योगी सरकार दिव्य और भव्य बना रही है तो वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ श्रमिकों के लिए भी रोजगार का एक बड़ा अवसर साबित होने जा रहा है। महाकुंभ में विभिन्न कार्यों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है। जिला नगरीय विकास अभिकरण और श्रम विभाग की इसमें अधिक सहभागिता है।
जिला नगरीय विकास अभिकरण दे रहा 1100 कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार
प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ से हजारों बेरोजगार हाथों को काम भी योगी सरकार दे रही है। श्रम विभाग , पर्यटन के अलावा जिला नगरीय विकास अभिकरण भी इसमें अग्रणी है। प्रयागराज की जिला नगरीय विकास अभिकरण ( डूडा ) परियोजना अधिकारी प्रतिभा श्रीवास्तव बताती हैं कि इस बार महाकुंभ में डूडा की तरफ से 1100 से अधिक स्किल्ड और अन स्किल्ड श्रमिकों को अस्थाई रोजगार दिया जा रहा है। मेला प्राधिकरण , नगर निगम प्रयागराज और सहायक निदेशक स्वास्थ्य की मांग पर ये श्रमिक उपलब्ध कराए जा रहे हैं जो महाकुंभ के कार्यों में लगाए जायेंगे। आपूर्ति किए जा रहे श्रमिकों में सबसे अधिक मेला प्राधिकरण को 480 ड्राइवर, 160 हेल्पर और 24 सुपरवाइजर दिए जा रहे हैं । इसके अलावा नगर निगम को 300 सफाई कर्मी, 50 ड्राइवर, 40 मलवा श्रमिक और 20 माली डूडा उपलब्ध करा रहा है। स्वास्थ्य विभाग को डूडा की तरफ से 97 कंप्यूटर ऑपरेटर्स दिए जा रहे हैं। इन श्रमिकों को महाकुंभ के आयोजन की अवधि में अस्थाई रोजगार प्रदान किया जा रहा है।
श्रम विभाग की तरफ से 25 हजार श्रमिकों को महाकुंभ में मिलेंगे रोजगार के अवसर
श्रमिक वर्ग को रोजगार से संयुक्त करने के लिए प्रदेश के श्रम विभाग की तरफ से किए जा रहे प्रयासों के अतिरिक्त प्रयागराज में 2025 में लगने जा रहा महाकुंभ भी इसके लिए बड़ा जरिया बनेगा।
उप श्रमायुक्त राजेश मिश्रा बताते हैं कि महाकुंभ की तैयारियों में 25 हजार से अधिक श्रमिकों को काम दिया जा रहा है । महाकुंभ के विभिन्न विभागों के कार्यों को कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से इन श्रमिको का अस्थाई रोजगार दिया जाएगा। श्रम विभाग में इन श्रमिकों का पंजीयन कराया गया है ताकि प्रदेश सरकार की श्रमिक कल्याण की विभिन्न योजनाओं से इन्हे आच्छादित भी किया जा सके।
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